शुक्रवार, 7 जुलाई 2017

देशद्रोही सम्पूर्ण देश में बारूद की सुरंग बिछाने जैसी तैयारी करने में लगे हुए हैं ?


देशद्रोही सम्पूर्ण देश में बारूद की सुरंग बिछाने जैसी तैयारी करने में लगे हुए हैं ?!!
पूरे देश में गृहयुद्ध की तैयारी हो रही है। भारत सरकार की आर्थिक सहायता व इंडियन संविधान के मुस्लिम पोषक प्रावधानों से लाखों मदरसों में करोड़ से ज्यादा तालिबान (मदरसे के छात्र) क़ुरान पढ़ रहे है। 10 लाख मज़ारें और दरगाहें सामरिक महत्व के स्थानों पर बना कर जासूसी का नेटवर्क बना चुके है।
सभी संगठन, पुलिस, फ़ौज और सारे राजनितिक दलों में घुसपैठ कर चुके है। पूरे देश में विध्वंसक गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल्स लगा रखे है। माफिया गतिविधियों से अरबों रुपये उगाह कर कट्टपंथी ताकतों को पोषित कर रहे है।
हर पार्टी में अपना एक नेता भेज कर अंदर से पार्टी को वैचारिक रूप से कब्ज़ा रहे है।
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मेरे साथियों, भारत स्वाभिमान दल के साथ आओं, धर्म शिक्षा के साथ शस्त्र शिक्षा प्राप्त करो, ताकि इनके डायरेक्ट एक्शन डे की तर्ज पर गृहयुद्ध होता है तो सारे सनातन संगठन एकजुट होकर फ़ौज,पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर गृहयुद्ध में राष्ट्रवादी शक्तियों को विजयी बना कर आतंरिक रूप से देश को सुरक्षित कर सके।

सहारनपुर के बवाली ज्यादातर अम्बेडकरवादी बौद्ध, नक्सली,व मुसलमान


एक हिन्दू वाल्मीकि भाई ने बताया कि जिस सहारनपुर बवाल को मीडिया दलित राजपूत दंगे का नाम दे रही हैं, उससे अन्य दलित जातियों वाल्मीकि, धोबी, पासी आदि का कोई लेना देना नहीं है ...
यहां तक की बहुसंख्यक स्थानीय हरिजन भाई भी इससे दूर है,
सहारनपुर के बवाली ज्यादातर बाहर से लाए गए अम्बेडकरवादी बौद्ध व नक्सली हैं, इनमें कई मुसलमान भी है ...
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वास्तव में भीम आर्मी संगठन अम्बेडकरवादियों, वामपंथियो, मुल्लाओं और कुछ भटके हुए बौद्ध युवाओं का गिरोह हैं , और हिन्दू समाज के दलित व पिछड़ी जातियों का इस भीम आर्मी से कोई लेना देना नहीं है .....
ये लोग अक्सर जातीय चिंगारी भडकाने के नित नए बहाने ढूंढते रहते हैं और बौद्धों खासकर अम्बेडकरवादियों की भावनाएं भड़के इसके लिए कई बार ये खुद ही गुपचुप भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को भी खंडित कर देते हैं ..
इनको कवरअप मिलता हैं national dastak, scroll, wire जैसे न्यूज़ पोर्टल से जो अक्सर अफवाहें अधूरी खबरें फैलाकर युवा बौद्धों को भडकाने का काम करते है ...
इन साइटो के लेखक और फायनेंसर ज्यादातर मुसलमान और वामपंथी ही होते है ...
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और ये जहर फैलाने का काम सिर्फ एक समाज में नही बल्कि कई जातियों में हो रहा है..
हिन्दू समाज की दलित जातियों में अम्बेडकरवाद का जहर भरने के लिए बसपा, भाजपा जैसी पार्टियाँ फण्ड देती हैं,
जाटों मे जहर भरने के लिये यूनियनस्ट मिशन काम पर लगा है, तो पटेलो मे आग लगवाने का काम हार्दिक पटेल कर ही चुका है ...
आगे राजपूतों, ब्राह्मणों आदि को उकसाने के लिये उनके बीच से कोई मोहरा खड़ा किया जाएगा और इसकी शुरुआत भी सोशल मीडिया पर हो चुकी हैं, उन ब्राह्मण, राजपूत महासभाओं के पेजो से जो आरक्षण के नाम पर सभी दलितों को गाली देने व उन्हें अयोग्य ठहराने में रात दिन लगे रहते है ...
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कभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता मोहन भागवत आरक्षण पर पुनर्विचार करने की बात करता हैं, तो कभी संघ के प्रचारक रहे वरिष्ठ भाजपा नेता व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी आरक्षण बचाने के लिए जान दे देने की बात करते हैं।
चलो दोस्तों ये बहुत बड़ा डिजाइन हैं हमारी एकता को तोड़ हमें आपस मे भिडवाने का ..इसलिए थोड़ा संयम से काम ले, जोश में एक दूसरे की जाती को गालियाँ न दें, कुछ लोगों के पीछे उनके पूरे समाज को ताना न मारे, वरना धीरे धीरे भड़कती ये चिंगारी देश को अघोषित गृह युद्ध की तरफ धकेल देगी...
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इसलिए ये जो जातियों के नाम पर विभिन्न सेनाए और महासभाए हमने बना रखी है, इनको चलाने वालों पर नज़र रखे और जातीय अस्मिता के नाम पर भावुक होकर खुद को इनके राजनीतिक एजेंडे का शिकार न होने दें!
-विश्वजीत सिंह"अभिनव अनंत"
राष्ट्रीय अध्यक्ष
भारत स्वाभिमान दल

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा की शिकायत भाग- 10


वेलिंगकर 'भारतीय भाषा सुरक्षा मंच' के अगुआ हैं, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अनुसांगिक संगठन हैं। इसके अभियान के अनुरूप गोवा भाजपा ने सत्ता में आने पर प्राथमिक शिक्षा में अंग्रेजी माध्यम को हतोत्साहित करने की घोषणा की थी। इसी का जरूरी अंग था उन स्कूलों को सरकारी अनुदान बंद करना, जहां प्राथमिक शिक्षा अंग्रेजी माध्यम से दी जाती है। किंतु भाजपा सत्ताधारियों ने वादे का उलटा किया। बल्कि वेलिंगकर को वचन देकर भी चुपचाप पलट गए। दूसरा मुद्दा ऐसी अनेक घटनाओं से बना है और यह कि सत्ता से बाहर रहने पर भाजपा जिन प्रश्नों को उछालती है, उन्हें सत्ता में आकर न केवल छोड़ देती है, बल्कि कई बार ठीक विपरीत करती है। अंग्रेजी भाषा का शासकीय वर्चस्व खत्म करने के अलावा भी कई प्रश्न हैं। उदाहरण के रूप में अल्पसंख्यकों के समकक्ष हिंदुओं को समान शैक्षिक-सांस्कृतिक अधिकार देने, संविधान की धारा 25 से 31 तक को सबके लिए समान रूप से लागू करने, धारा 370 को खत्म करने, जम्मू-लद्दाख को स्वतंत्र राज्य बनाने, अवैध धर्मांतरण बंद कराने, बांग्लादेश के अवैध घुसपैठियों को वापस भेजने, प्रमुख हिंदू मंदिरों पर इस्लामी अतिक्रमण या दावेदारी खत्म करने आदि मुद्दों को समय-समय पर भाजपा ने जोर-शोर से उठाया। कई बार चुनावी मुद्दा भी बनाया। किंतु सत्ता में आने के बाद वह भूलकर दूसरे कामों में लग गई।
बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस भेजने का मुद्दा एक बार महाराष्ट्र और दिल्ली विधानसभा चुनावों में प्रमुखता से उठाया गया था। किंतु जीतने के बाद भाजपा ने इस पर काम नहीं किया। वही स्थिति हज सब्सिडी खत्म करने पर हुई। उसे वाजपेयी सरकार ने उलटे बढ़ा दिया। इसी तरह चर्च के संगठित धर्मांतरण कार्यक्रम से हिंदू समाज को सीधी चोट पहुंचते रहने के बावजूद वाजपेयी ने पोप का लालकालीन बिछाकर स्वागत किया। उसी अवसर पर पोप ने पूरे एशिया को धर्मांतरित करने का खुला आव्हान किया। अभी-अभी भाजपा सत्ताधारियों द्वारा फिर उसी तरह वेटिकन के सामने बिछने का विचित्र कदम उठाया गया है। बार-बार दिखते इस दोहरेपन का मतलब क्या है? यदि भाजपा बुनियादी रूप से कांग्रेसी नीतियों को ही जारी रखती है, तब कांग्रेस-मुक्त भारत का लक्ष्य रखना दोहरा पाखंड है। एक तो, कांग्रेस कोई देश की शत्रु नहीं, जबकि वास्तविक शत्रुओं के सामने सिर झुकाने सत्ताधारी प्रतिनिधिमंडल वेटिकन भेजे जा रहे हैं। दूसरा पाखंड कि कांग्रेस की हानिकारक शैक्षिक-सांस्कृतिक-राजनीतिक नीतियों को जारी रखकर कैसी कांग्रेस-मुक्ति? यह तो कांग्रेस बिना कांग्रेसी शासन हुआ। एक अर्थ में वेलिंगकर ने इसी के विरोध में भाजपा को हराने की ठानी है।
नि:संदेह यह प्रश्न किनारे नहीं किया जा सकता कि सत्ता से बाहर और सत्ता में भाजपा की बोली क्यों बदल जाती है? यह कोई बाहरी दिखावा भी नहीं। दशकों का अनुभव बताता है कि भाजपा केवल वोट के लिए राष्ट्रवादी चिंताएं उठाती है, जिसे पूरा करने के प्रति वह गंभीर नहीं। दूसरा मुद्दा भाजपा और आरएसएस के संबंध का है। आरएसएस घोषित रूप से सांस्कृतिक संगठन है, लेकिन इसकी सर्वोपरि चिंता राजनीतिक रही है। विधानसभा या संसद के चुनावों में भाजपा के लिए काम करना, अपने कार्यकर्ताओं को भाजपा में भेजना, देश-विदेश के राजनीतिक मुद्दों पर बयान देना आदि कार्य शुद्ध राजनीतिक हैं जो सांस्कृतिक संगठन की गति-मति से मेल नहीं खाते।
संघ, भाजपा के इस सच से आपको अवगत कराने के बाद हम आपसे कहना चाहते है कि हे सनातनी युवाओं, राक्षसों से अपना धर्म, धन- संपदा और अपनी बहन बेटियां बचाना चाहते हो तो अपनी असीम शक्ति पहचान कर अपने अपने क्षेत्र को सम्भालो।
बाहुबल व संख्याबल दोनों को बढ़ाओ, दंगे थोपे जाएं या चुनाव, सामने वालों को भीषण टक्कर देने का सामर्थ्य पैदा करो।
हम भगवान श्री राम व श्री कृष्ण के वंशज हैं, कोई भी कार्य हमारे लिए असम्भव नहीं।
केवल फेसबुक, व्हाट्सएप्प जैसी सोशल मीडिया पर लिखने से नहीं होगा, अपने मोहल्ले अपने गाँव अपने नगर के हिन्दू मित्रों के छोटे छोटे समूह बनाइये।
उनको शास्त्र और शस्त्र से सम्पन्न बनाइये, सशक्त बनाइये।
आपस में मिलना जुलना, धर्म शिक्षा देकर धर्म साधना शुरू कीजिये, हिन्दू समाज का दैविक बल जगाईये।
आने वाला समय धर्मनिरपेक्षों व राक्षसों से दो दो हाथ करने का है।
स्मरण रखियें
ये भाजपा ये आर एस एस ये हिन्दू संगठन कोई भी आपके साथ खड़ा नहीं दिखेगा।
पर वे युवक जिनकी नसों में सच्चे हिंदुओं का खून है, वही आपका साथ देंगे।
व्यथित हृदय से संघ का एक स्वयंसेवक
वन्दे मातरम्
जय श्री राम
समाप्त

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा की शिकायत भाग- 9


अभी हाल में मलाड, मुम्बई में मुस्लिमों ने हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियां तोड़ी। उन्हें बचाने हिन्दू युवा पहुंचे तो उल्टे पुलिस ने 11 हिन्दू युवाओं को गिरफ्तार करके बुरी तरह मारा पीटा, अमानवीय यातनाएं दी। किसी भी मुस्लिम को गिरफ्तार तक नहीं किया गया।
भाजपा का वरिष्ठ नेता व सांसद साक्षी महाराज बोलता है कि इस्लाम न होता तो भारत का अस्तित्व न होता। इन हरामखोरो को भारत का अस्तित्व इस्लाम में सुरक्षित दिखता हैं।
कांग्रेस व अन्य सेक्युलर पार्टियों का साथ देना मोहम्मद गोरी व औरंगजेबों आदि देश धर्म के दुश्मनों के खेमे में खड़ा होना है।
बीजेपी व आरएसएस का साथ देना जयचंदों , मीर जाफरों आदि देश धर्म के गद्दारों के खेमे में खड़ा होना है।
सत्ता से बाहर रहने पर भाजपा जिन प्रश्नों को उछालती है, उन्हें सत्ता में आकर न केवल छोड़ देती है, बल्कि कई बार ठीक विपरीत करती है। यह तो कांग्रेस बिना कांग्रेसी शासन हुआ।
गोवा के सबसे बड़े और अत्यंत प्रतिष्ठित पूर्व गोवा संघ चालक सुभाष वेलिंगकर जिन्होंने गोवा में संघ कार्य के लिए अपना सौ प्रतिशत दिया। आरएसएस नेता प्रोफ़ेसर सुभाष वेलिंगकर के संघ से नाराज होने और संघ की स्वतंत्र राज्य इकाई बनाने का असली कारण भी यही था कि 1990 से लेकर 2011 तक जो नीति थी, उसी को भाजपा ने पुनः लागू क्यों नहीं किया? जबकि भाजपा खुद भी “भारतीय भाषाओं” के प्रति अपना प्रेम जताती रही है, फिर सत्ता में आने के बाद चर्च के सामने घुटने टेकने की क्या जरूरत है?
संघ, भाजपा से उचित प्रश्न
वेलिंगकर ने जो मुद्दा उठाया है वह काफी गंभीर है और इसमें कई अहम चीजें जुड़़ी हुई हैं। कुल मिलाकर वेलिंगकर प्रसंग राष्ट्रीय महत्व का है। वेलिंगकर का मुद्दा है सार्वजनिक शिक्षा में भाषा का स्थान। दुनिया के सारे चिंतक, शिक्षा-शास्त्री और अनुभवी शिक्षक एकमत हैं कि बच्चों की शिक्षा का सर्वोत्तम माध्यम उनकी मातृभाषा है। इसके विपरीत करना बच्चों की प्रतिभा को कुंठित करता है। भारत में भी सभी शिक्षा नीति दस्तावेज यह मानते रहे हैं। तब गोवा और संपूर्ण भारत में प्राथमिक शिक्षा से ही अंग्रेजी को ही शिक्षा का पहला माध्यम क्यों चुपचाप बनाया, बढ़ाया जाता रहा है? बच्चों के जीवन, देश की संस्कृति तथा सम्मान से मर्मभूत रूप से जुड़े होने के बावजूद इतना बड़ा प्रश्न आंख से ओझल रहा है।
क्रमश: जारी.......

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा की शिकायत भाग- 8


अभी तक इस्लामिक बैंक की स्वीकृति आदि मुस्लिम हित में साम्प्रदायिक कार्य करके मोदी जी मुस्लिम तुस्टीकरण में डूबे थे अब इसाई तुस्टीकरण में भी चल दिए है।
बौध तुस्टीकरण तो उसी दिन कर दिया जिस दिन उन्होंने बौध सर्किट की स्थापना की।
मोदी जी ये भूल चुके है की हिन्दू भी भारत में रहते है और बहुसंख्यक है उन्होंने ही उन्हें प्रधानमन्त्री बनाया है।
संघ की शाखाओ मे " प्रभो शक्तिमन हिन्दू राष्ट्रांग भूता की वंदना गाकर भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का संकल्प लेने वाला संघी प्रचारक नरेन्द्र मोदी "मुस्लिम तुष्टिकरण में वकील मोहनदास कर्मचन्द गांधी व वकील जवाहरलाल नेहरू से भी आगे निकलने की तैयारी में हैं और उन्होंने अपने एक बयान मे " भारत को इस्लाम के सिद्धान्तो से बंधा तक बता दिया "। उसके इस बयान पर प्रभो शक्तिमन हिन्दू राष्ट्रांग भूता की वंदना करने वाले संघ संचालक मोहन भागवत पता नहीं कहा मुँह छिपा कर बैठ गये... देश की पहचान राम से बताने बताने वाले संघ में किसी पदाधिकारी ने भी यह नहीं कहा कि मोदी जी ये देश ना इस्लाम से बंधा है और ना इस्लाम इसकी पहचान है।
हिन्दू राष्ट्र की बात करने वाले मोदी जी प्रधानमन्त्री बनने के बाद कह रहे है कि मैं मुसलमानों के एक हाथ में लैपटोप और एक हाथ में कुरान देखना चाहता हूँ, कुरान में शांति का संदेश है, मेरे देश की सबसे बडी ताकत सेकुलरिज्म है।
चूँकि मोदी को मुस्लिम वोटो के लिए "आर्यावर्त...भारत...हिन्दूस्थान उस इस्लाम के सिद्धान्तो के सिद्धान्तो से बंधा नजर आ रहा है जिस इस्लाम के नाम पर विश्व भर मे आतंक का प्रसाद बाँटा जा रहा है तो इस्लाम को बढ़ावा देना और दारूल हरब को दारूल हरम बनाना भी इस्लाम का सिद्धान्त..सो मोदी चल पड़े भारत को इस्लामो के सिद्धान्तो पर चलाने के लिए । इसी क्रम मे देश मे पहला इस्लामिक बैंक खोलने की स्वीकृति देकर मोदी ने अपना नाम स्वर्ण अक्षरो मे लिखा लिया है ।
जेद्दाह की इस्लामिक ड़ेवलपमेन्ट बैंक वर्षो से भारत मे इस बैंक को खोलना चाह रही थी...कांग्रेस के शासन काल मे भी सुगबुगाहट हुई थी उस समय संघ विहिप और उससे जुड़े लोग इस कदर व्यवहार करने लगे कि बस अगर ये बैंक खुला तो ये लोग पता नही क्या कर लेंगे । अब तो केंद्रीय स्तर पर हिन्दू राष्ट्रवादी व हिन्दू हृदय सम्राट मोदी व भागवत ने इस्लामिक बैंक खोलने की अनुमति दे दी।
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि इस्लाम के ड़ेवलपमेन्ट के लिए स्थापित "इस्लाभिक ड़ेवलपमेन्ट बैंक की पहली शाखा मोदी के गृह राज्य गुजरात मे खुल रही है और नरेन्द्र मोदी के खासमखास मुसलमान जाफर सरेशवाला के नेतृत्व मे खुल रही है ।
यह जाफर वो ही जाफर है जिसे मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के तुरन्त बाद "मौलाना आजाद नेशनल यूनिवर्सिटी का चान्सलर नियुक्त किया था और ये जाफर कोई शिक्षा विद नही अपितु गुजरात का एक नामी बिजनेस मैन है ।
बैक की कार्य प्रणाली क्या होगी..ये ना अभी तक सरकार ने स्पष्ट की है ना जाफर ने लेकिन हम हिन्दुओं को आने वाले संकट से सावधान करते हुए निवेदन करते है कि इस बैंक से कभी पैसो का व्यवहार मत करना...ये बैंक के नाम पर अरब के उन्ही लुटेरो के वंशज है जो सोमनाथ को लूट चुके है क्योंकि 24% की सझीदारी इस बैंक मे अकेले अरब की है।
क्रमश: जारी.......

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा की शिकायत भाग- 7


भाजपा ने पहले हिन्दुओं को राम के नाम पर छला और अब जातियों में बांटकर छलने लगी। बिहार चुनावो के दौरान आरक्षण बचाने के लिए जान की बाजी लगा दूंगा कहकर हरियाणा में जाट आरक्षण की आग भी मोदी जी ने लगाई है, क्योंकि भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में जाटो को आरक्षण देने का वचन देकर उनके बोट लिये थे, बाद में छल किया, अपने वचन से मुकर गये और कांग्रेस के साथ मिलकर हरियाणा को जातिवाद की आग में जला दिया।
और भी बहुत सारे कारण है, जैसे कश्मीर के ऐतिहासिक भवनो व नगरो का इस्लामिकरण करा दिया, जो पापी कांग्रेस न करा पाई वो मोदी ने करा दिया, आज अनन्तनाग को इस्लामाबाद लिखा व बोले जाने लगा हैं।
जिस अम्बेडकर ने हिन्दू धर्म को नष्ट करने की प्रतिज्ञा की, जो अंग्रेजों का सहयोगी था, उसे अपना आदर्श बताया और कहा कि मैं तो बाबा साहब का भक्त हूँ, यही नहीं रूके, अम्बेडकर की नीतियों को सरकारी धन से प्रचारित भी करवाया।
80 % गौ रक्षक गुंडे हैं लेकिन गाये काटने वाले कौन हैं ??
गणेश जी को विघ्न कारक ना बनाएं, विसर्जन से जल दूषित होता है
इन तथाकथित राष्ट्रवादी का मन हिन्दू धार्मिक उत्सवो पर तथाकथित रूप से बिगड़ने वाले पर्यावरण पर तो दुखी हो जाता है , कार के नीचे कुत्ते के पिल्ले के मरने पर भी दुखी हो जाता है परन्तु मुसलमानो के धार्मिक उत्सवो पर कटती गायो का वो आन्तर्नाद नही सुनाई देता जो मुसलमानो द्वारे अपने पंथीय आदेश के अनुसार हलाल होते समय गाय के मुख से निकलता है ।
गत दो दिन पूर्व ये तथाकथित राष्ट्रवादी हिन्दू अपनी चिरपरिचित शैली मे देश को अपने मन की बात सुना रहे थे । इन महाशय ने इस बार पर्यावरण को केन्द्र बिन्दू बनाया और हिन्दू धार्मिक उत्सवो पर "पर्यावरण बिगाड़ने पर अपने मन का दर्द मन की बात मे ऊंड़ेल दिया ।
गणेश जी को विघ्न कारक ना बनाएं, विसर्जन से जल दूषित होता है, ठीक है प्रधानमन्त्री जी परन्तु बकर ईद का त्यौहार मनाने के लिए चारों तरफ खून ही खून, हड्डियां, निर्दोष जानवरों की चीखें (गौ माता की भी), बदबू और प्रदूषण फैलाने वालों को कोई सलाह क्यों नहीं दे रहे हो, क्या उनसे डर लगता हैं।
माटी और और पेरिस प्लास्टर से बनी देव प्रतिमाओ से पर्यावरण बिगड़ता दिखता है परन्तु मुसलमानों की बढती आबादी से बिगड़ रहा भौगोलिक पर्यावरण नही दिख रहा , नही दिख रहा वो बिगड़ता पर्यावरण जो गौवंश के कटने से बिगड़ रहा है , नही दिख रहा वो पर्यावरण जो ग्रामो के शहरी करण के नाम पर गौचर भुमि समाप्त करने से बिगड़ रहा है ।
कुत्ते के पिल्ले के कार से कुशल कर मर जाने पर भी दुख जताने वाले मोदी जी को उत्तर प्रदेश मे "बलात्कारित महिला व बच्चियो की मौत का दुख नही हुआ, देश के विभिन्न राज्यो मे दिन दहाड़े संघियो की हत्या पर दुख नही हुआ ,हाँ गौ रक्षको गुण्ड़े जरूर नजर आ गये उनको।
अब हमारा दही हांड़ी त्यौहार इंडियन कानून के अनुसार होगा परन्तु मोहर्रम, खतना, कुरान की जिहादी शिक्षा में कोई आयु सीमा नहीं।
शाहबानो केस में संविधान बदल दिया और हम श्री राम लला जी के मन्दिर के लिए अदालतों में धक्के खा रहे हैं। इस्लामिक पिशाचों द्वारा तोड़े व विकृत किये गये 3 लाख मन्दिरों व भवनों की तो कोई चर्चा ही नहीं हो रहीं।
मुसलमानों के धर्मगुरू पर 65 गैर जमानती वारंट हैं, वो शान से घूम रहा हैं और हमारे निर्दोष सन्त को जमानत भी नहीं मिल रही।
*यही है हिंदुओं के लिए अच्छे दिन ?
क्रमश: जारी.......

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा की शिकायत भाग- 6


कुछ कहते है कि यह मोदी की कूटनीति है, संघ पदाधिकारियों ने ये कहा, वो कहा-
मेरठ में आयोजित संघ प्रशिक्षण प्रथम वर्ष के दौरान हमें संघ के पूर्व सरसंघचालक स्वर्गीय श्री कुप्प सी सुदर्शन से वार्ता करने का अवसर मिला था तो हमने उनसे अटल बिहारी वाजपेयी और भारत के सबसे बड़े कत्लखाने अल कबीर के मालिक अतुल सभरवाल के धनिष्ठ सम्बन्धों व मीट व्यापारियों से चन्दे को लेकर चर्चा की थी, तो श्री सुदर्शन जी ने भी बहुत सारी विवशताएँ गिना दी थी।
मोदी जी ने जो गौ रक्षको को गुण्डा बताया है, वो केवल बयान तक सीमित नहीं रखा बल्कि देश के सभी कमिश्नरो को पत्र जारी करा कर गौ रक्षको के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिया है।
इसका कारण समझे
मोदी जी ने अपने भाषण में स्वयं स्वीकार किया है कि उनके कुछ मित्र मांस व्यापारी है, गौ रक्षक गाय रोकेगे तो उन्हें समस्या तो आयेगी ना, इसीलिए ये सब भाषण देना पड़ा, यदि उन्हें मांस माफिया पर भी क्रोध आता तो कोई समस्या न थी।
मोदी और उनकी सरकारअलगाववादियो से बात कर सकती है....पाकिस्तानियो से बात कर सकती है तो गौ रक्षको से क्यो नही...???? अलगाव वादी गुण्ड़े है या गौरक्षा की बात करने वाले....????
संघ के स्वयंसेवक भाईयों जान लो वो कारण जिनके चलते गौरक्षको इस मोदी को गुण्ड़े नजर क्यो आने लगे है और संघ चालक क्यो अपने मुँह मे दही जमाए बैठे हैं।
सरकार देश भर में हजारो कत्लखाने खोलना चाह रही है और ये गौरक्षा और गौहत्या प्रतिबंधित करने की बात करने वाले सरकार की इसी योजना मे रोड़े है ।
अपने विदेशी दौरो में गीता जी का विकृत गांधी भाष्य बाँटने वाले मोदी की सरकार कत्लखाने मे पशु को काटने की मशीनो पर सब्सिड़ी देने का निर्णय करने के पश्चात गौरक्षको को झासा दे रही थी कि इससे गाय नहीं कटेगी तो दूसरी ओर बीफ निर्यात को ही अपना विकास समझ रही है , इसी नीति के तहत विदेशी कम्पनिया भारत आ चुकी है । ऐसे मे गौ हत्या प्रतिबंध और गौ हत्या को रूकवाने का प्रयास करने वाले गौरक्षको को ठिकाने लगाना जरूरी है । सो गौरक्षक मोदी को गुण्ड़े नजर आ गये ।
अब ऐसे लोगो की पहचान होगी जो कत्लखाने विरोधी है।उनको फर्जी गौभगत बता कर जेल में डाल दिया जायेगा। राजपुरा, पंजाब के सबसे बड़े गौ रक्षक श्री सतीश प्रधान को झूठे आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया है। भारत सरकार 3करोड़ 32लाख50 हजार एकड़ ज़मीन बेचकर खा चूकि है जिसके कारण गौवंश सड़को पर भूखा मर रहा है।
शहरीकारण के चलते गोचरभूमि(चारागाह ज़मीन) पर बड़ी बड़ी इमारते खड़ी हो चुकी है। जबकि सरकार को शहरीकरण करने से पहले गॉव में रहने वाले पशु पक्षीयो और जीव जन्तुओ के भोजन पानी के बारे में सोचना चाहिए। जब उनका पारंपरिक भोजन पानी छीन लिया जाता है तब उनको मजबूरन इंसानो का झूठा कूड़ा कचरा और प्लाटिक खाना पड़ता है।
बीजेपी का बीफ ( गो-मांस ) पर पाखड
1- दो दिन पहले बीजेपी के नेता व सांसद उदित राज ने गौ मांस खाने की उपयोगिता उसेन बोल्ट की मिसाल दे कर समझाने की कोशिश की थी ( जाहिर है उनका यह ब्यान बिना मोदी जी की मर्जी के नहीं दिया गया होगा )
2 - आज केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी नेता राम दास अठावले ने एलान किया है "" हम गौ- मांस के पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ "" है l
3- भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहले ही बोल चुके है कि देशभर में गौ हत्या पर प्रतिबंध नहीं लगाया जायेगा।
इन बयानों और 80 % गौ- रक्षको को गुंडा - अपराधी मोदी द्वारा घोषित किये जाने से साबित होता है बीफ या गौ - हत्या के पक्ष में है बीजेपी सरकार l
क्या उदित राज मोदी की भाषा बोल रहा है•••?
अगर अभी भी उदितराज जैसा असुर संस्कृति का प्रचारक व्यक्ति संघ के अनुसांगिक संगठन भाजपा का सांसद बना रहता है तो तय मानिये कि भाजपा, संघ और मोदी, तीनो गौवंश और हिन्दू विरोधी हैं।
क्रमश: जारी.......

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा की शिकायत भाग- 5


स्वयंसेवक होने का मतलब बीजेपी के सत्ता प्राप्ति के लिए संघर्ष करना बलिदान देना नहीं है !
या स्वयंसेवको का एकमात्र विकल्प बीजेपी नहीं होना चाहिए , स्वयंसेवको को बसपा सपा जदयू राजद या कांग्रेस भी ज्वाइन करना चाहिए !
जैसे अन्य दलो से आये हिन्दू द्रोही, गौमांस भक्षी नेता बीजेपी में आते ही निर्मल ,राष्ट्रवादी हो जाते है ठीक वैसे ही अन्य दलों में स्वयंसेवको के जाने से अन्य पार्टिया भी राष्ट्रवादी हो जायेगी !
कुछ लोग जो अपने को हिन्दू राष्ट्रवादी कहते हैं,  मोदी जी को लेकर लिखी गई हमारी पोस्टों पर अनर्गल प्रलाप करते रहते हैं, हमें कहते है कि पिछले साठ वर्षो से चुप क्यों थे, क्यों नहीं कांग्रेस का विरोध किया ?
उन सब मित्रों, को हम बताना चाहेगे कि पिछले 60 वर्ष की तो आप ही बता सकते हो क्योंकि हमें अपने पूर्व जन्म की विस्तृत स्मृति नहीं है, हाँ इस जन्म का पता है, हमारे शरीर की वर्तमान आयु 32 वर्ष हैं, जिसमें से 18 वर्ष संघ कार्य करते हुए हो गये, अर्थात 14 वर्ष की आयु से हम हिन्दुत्व का कार्य कर रहे हैं । और जब से मतदान का अधिकार मिला है, वोट और सर्पोट भाजपा को ही करते आ रहे थे, पर अब नहीं। क्योंकि जब हमारा पी एम गौ मांस भक्षी रोहित बेमुला की याद में गला फाडकर रो सकता है, गौ रक्षको को गुण्डा बता सकता है, गौ रक्षको के विरूद्ध दिशा निर्देश जारी करा सकता है, भाजपा का गौ सेवा प्रकोष्ठ समाप्त करा सकता है, सपा, बसपा, आप, कांग्रेस, राजद के जिहादी गौ मांस भक्षी नेताओं को भाजपा में ला सकता है, गांधी और अम्बेडकर को महान बता सकता हैं, तो भाजपा और कांग्रेस में अन्तर क्या रहा ?
कुछ लोग कहते है कि धैर्य रखें, आपमें धैर्य की कमी है। भाईयों यदि धैर्य की कमी होती तो भाजपा का विरोध हम अब नहीं बल्कि अटल सरकार के समय से कर रहे होते, जब अटल सरकार ने हिन्दू समाज से किये अपने वचनों को तौड़कर विश्वासघात किया था, मांस निर्यात व्याप्त स्तर पर चालू किया था, अरबी भाषा को प्रोत्साहित किया था और संविधान में संशोधन कर समाप्त हो रहे आरक्षण के रोग की समय अवधि को आगे बढ़ाया था, और भी बहुत कुछ हिन्दू विरोधी कार्य किये थे, पर हम शान्त रहें क्योंकि हमें पता था कि अटल जी की सरकार अल्पमत की है, बैशाखी का सहारा है, सक्ता का स्वार्थ छोड़कर हिन्दू हित में ठोस निर्णय लेने का साहस अटल में नहीं था, अन्यथा अगली बार अटल की पूर्ण बहुमत की सरकार बनती।
क्रमश: जारी.......

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा की शिकायत भाग- 4


कैराना से मुस्लिमों के डराने पर 346 हिन्दू परिवारों का पलायन मोदी के मुंह पर झन्नाटेदार थप्पड़।
कहाँ हैं राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ और कहाँ है विश्व हिन्दू परिषद कहाँ छूपे बैठे हो |
जाये ना कैराना में|   
सिर्फ शाखा लगाने से हिन्दूओं की रक्षा नहीं होगी |
कहाँ हैं मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक ????
मोहन भागवत क्यों चूप हैं???
संघ ने देशभक्त क्रांतिकारीयों को हिजड़ा बना दिया है |
संघ जिहादी मुस्लिमो ( जो आधुनिक हथियारों से लैश हैं ) से एक लाठी के साथ रक्षा करवाना चाहता है |
अगर सब ऐसे ही चलता रहा तो एक दिन फिर से ये देश मुस्लिमों का गुलाम हो जाएगा |
क्योंकि मुर्ख हिन्दू ये विश्वास किये बैठे हैं की मोदी जी हमारी रक्षा करेंगें |
मोदी जी एक देश के प्रधानमंत्री हैं हिन्दूओं के नहीं, ओर उनका पहला लक्ष्य बी जे पी को पूरे भारत में स्थापित करना है ना की हिन्दूओं की रक्षा करना |
कैराना मालदा कश्मीर बहुत बड़ी संख्या में हो रहे हैं।
हिन्दू धर्म के ठेकेदारों, आरएसएस विहिप भाजपा से हाथ जोड़कर मार्मिक प्रार्थना है कि हम हिंदुओं को बचाओ। हमारा देश खत्म हो रहा है।
हमारी संस्कृति धूल में मिल रही है। हमारी बहन बेटियों की इज्जतें लूटी जा रही हैं।
हमारी गाय माता को तड़पा तड़पा कर मारा जा रहा है।
हम लोगों को घरों से मार पीट कर बेघर किया जा रहा है।
भाई, हम बहुत परेशान हैं भाई, हमें बचा लो भाई।
नेताजी सुभाष के पास सिर्फ 60 हजार की फ़ौज थी, वो लड़े तो सारा देश व अंग्रेजों के नीचे वाली सेना तक उनके साथ हो गयी व अंग्रेजों को भागना पड़ा।
आपके पास तो 10 करोड़ स्वयंसेवक हैं भाई, सारी सेना, अर्धसैनिक व पुलिस शक्ति आपके हाथ में है, सिर्फ और सिर्फ 2-4 हजार स्वयंसेवकों को मैदान में उतारिये, शुरुआत होते ही हिन्दू समाज सब अपने आप निपटा देगा। 10 करोड़ तो जरूरत से कई गुणा ज्यादा इक्कठे हो गए हैं।
हम पैर पकड़कर विनती करते हैं भाई आप लोगों के पास आवश्यकता से अधिक ताकत हो चुकी है भाई हमें बचा लो भाई।
और दूसरा पहलू --
अगर आप जरूरत से बहुत ज्यादा संख्या में होकर भी धूर्ततावश ये रोना रोते हो कि हिन्दू संगठित नहीं या अपनी रक्षा खुद करें, तभी हम कुछ करेंगे ,हम किसी के घर में लाठी लेकर नहीं जा सकते ....ब्ला ब्ला ...
तो सुनो सारे हिन्दू समाज के अपने भाई बहनों की रक्षा का दायित्व हिन्दू समाज लेता हैं।
हम हिन्दू समाज की सभा बुलाते हैं, वहां मोदीजी और भागवतजी, अपने हाथ खड़े कर लें कि हम हिंदुओं की रक्षा नहीं कर सकते और वो हमारे बुजुर्गों से धर्म रक्षा की प्रार्थना करें व उनके पैरों में अपनी हिन्दू धर्म की ठेकेदारी वाली पगड़ी रख दें। फिर हम जानें और विधर्मी जानें और हमें 90 साल नहीं चाहियें, सिर्फ 90 घण्टे, सिर्फ 90 घण्टे अपनी इंडियन व्यवस्थाओं, अपनी पुलिस व सेना को अंदर रखना।
अगर महाराष्ट्र तक सफाई चाहिए तो देश के बाकी देशभक्तों को युद्ध के मैदान में उतारने की जिम्मेदारी भी हिन्दू समाज लेता है।
अगर आप ये भी नहीं कर सकते तो खुद को हिंदुओं का ठेकेदार कहना बन्द करो और चूड़ी पहन कर बैठ जाओं।
कैराना की पोस्ट पर बीजेपी व आरएसएस के तथाकथित हिन्दू रक्षक बकलोली कर रहे हैं कि कैराना के आस पास हिन्दू किसानों के गांव हैं, इन लोगों ने क्या उखाड़ लिया ??
पहली बात तो हिंदुत्व की ठेकेदारी तुम लोग कर रहे हो, ये किसान लोग नहीं।
दूसरी बात तुम एक बार मोदी व भागवत से हिंदुत्व की ठेकेदारी की पगड़ी को, जहाँ मन करे, किसान भाइयों के गांवों में उनके बुजुर्गों के चरणों में रखवा तो दो, फिर किसान भाई अपने बाकी हिन्दू समाज के भाइयों के साथ मिलकर 90 घण्टे में ही दुनिया को दिखा देंगे कि धर्म की रक्षा कैसे की जाती है ?
उनके पास हथियार, पुलिस,सेना, संगठन , अनुभव व पैसे न होते हुए भी वे बहादुर लोग 90 घण्टे में वो काम कर देंगे जिसे तुम फर्जी हिंदूवादी सब कुछ होते हुए भी 90 साल में न कर सके।
सिर्फ 50-100 साल पहले आई बीजेपी व आरएसएस , लाखों वर्ष पुराने सनातन/हिंदू धर्म के ठेकेदार न तो कभी थे, न हैं और न होंगे और न कभी कोई एक संस्था या पार्टी ठेकेदार हो सकती है।
हम लोग बीजेपी व आरएसएस की छद्म नीतियों के विरोधी हो गए हैं और ताउम्र रहेंगे।
परन्तु बीजेपी व आरएसएस विरोध की आड़ में अपने राजनैतिक आकाओं के हित साधने के लिए , इस विरोध को सनातन/हिन्दू धर्म के विरोध की तरफ मोड़ने वाले भी हिन्दू धर्म व देश के गद्दार हैं।
सनातन/हिन्दू धर्म हमारी जान है, हमारी धड़कन है और हमेशा रहेगा।
क्रमश: जारी.......

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा की शिकायत भाग- 3


हिंदुओं पर अत्याचार होते ही संघी- भाजपाई लोग सोनिया गांधी, दिग्विजय सिंह, मुलायम सिंह, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, लालू प्रसाद यादव,अरविन्द केजरीवाल जैसे धर्मनिरपेक्ष नेताओं को कोसते हैं, उन्हें नपुंसक कहते हैं।
ऐसे लोगो को नपुंसक कहा जाना गलत हैं। अरे वो लोग तो शेर के बच्चे हैं, शेर के।
पक्ष में हों या विपक्ष में, सीना ठोक कर कहते हैं कि मुस्लिमों तुम्हारे लिए काम करेंगे, तुम्हारी हर सुख सुविधा का ध्यान रखेंगे, तुम्हारे लिए हिंदुओं को कुचल देंगे।
और अगले डंके की चोट पर खुलेआम अपना वादा निभाते हैं।
भले ही हमारे दुश्मन हैं पर बहादुर हैं और सनातन धर्म बहादुर शत्रु का भी हमेशा सम्मान करता है।
नपुंसक तो वो लोग तथा उनकी पार्टी है जो सत्ता में होते हुए भी कुछ नहीं कर सकते और बड़े बड़े बोल बोलने में कोई उनके आस पास भी नहीं फटक सकता।
कहेंगे हम पहाड़ तोड़ देंगे और उनसे मरती चींटी तक नहीं।
अब बताओ नपुंसक कौन ??
दण्डधारी गैंग व इसके अन्य संगठनों तथा भाजपा के हिंदुओं के तथाकथित रहनुमा धर्मद्रोही व गद्दार नेताओं, अब तुम देखो तुम घटिया लोग क्या करते हो ?
हिंदुओं की तथाकथित पार्टी बीजेपी और इसके गृहमंत्री हमारे कमलेश तिवारी को सिर्फ एक पंक्ति वो भी सच, बोलने पर ही रासुका लगाकर जेल में भेज देते हो। फिर हम हिन्दू तुमसे क्यों जुड़ें ?
जब तुम किसी कार्यकर्ता के गिरफ्तार होते ही उसे अपना आदमी मानने से ही इंकार कर देते हो।
हम हिन्दू क्यों जुड़ें तुमसे ? अकलाख की मौत पर उनकी पार्टी के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी व कुछ मुख्यमंत्री केजरीवाल आदि गए थे।
कर्नाटक के गौरक्षक प्रशांत पुजारी की हत्या पर बीजेपी के सबसे बड़े नेता मोदीजी, मुख्यमंत्री शिवराज चौहान या वसुंधरा राजे अथवा मोहन भागवत जी गए क्या ?
प्रशांत पुजारी जी के परिवार को कितने फ्लैट व पैसे दिए, कोई संघी दल्ला नेता बताएगा क्या ?
हिन्दू क्यों जुड़ें तुमसे ?
लालू प्रसाद यादव के पास थोड़ी सी राजनैतिक शक्ति आते ही उसने अपने आदमी सैय्यद शाहबुद्दीन को जेल से निकलवा लिया। जबकि उसे जघन्य अपराधो में उम्रकैद की सजा हैं।
तुम्हारी सरकार होते हुए भी हमारी प्रज्ञा ठाकुर बहन व कर्नल पुरोहित आदि बिना चार्जशीट के ही वर्षों से जेलों में बन्द हैं। हिन्दू क्यों जुड़ें तुमसे ?
उड़ीसा के दारा सिंह उम्रकैद काट रहे हैं, तुम उन्हें छुड़वा क्यों नहीं रहे ?
कसाब व अफजल गुरु आजाद होकर विदेशों में बस चुके हैं।
हिन्दू क्यों जुड़े तुमसे ?
वो इस्लामिक, बोद्ध व ईसाई मत प्रचारो को पूरी सुख सुविधायें देते हैं, और तुम विधर्मियों का शुद्धिकरण कर राष्ट्रीय एकता के कार्य में निस्वार्थ रूप से लगे रहने वाले हिन्दू जागरण मंच के नेता राजेश्वर सिंह को जबरन पद मुक्त कर घर भेज देते हो।
तुम्हारी सरकार होते हुए भी मीडिया सारा दिन हिंदुत्व का दुष्प्रचार करती है और तुम तथाकथित हिन्दू नेता सिर्फ एक फोन करके उन्हें मना नहीं कर सकते।
हिन्दू क्यों जुड़े तुमसे ?
गौ तस्कर मुस्लिम को सिर्फ कुछ 5-10 बेल्ट मारने पर शामली के बजरंग दल के संयोजक विवेक प्रेमी पर तुम्हारा ही केंद्रीय गृहमंत्री रासुका लगाकर उस बेचारे को महीनों से जेल में सड़ा रहा है।
हिन्दू क्यों जुड़ें तुमसे ?
तुम्हारे सैंकड़ों स्वयंसेवकों या छोटे पदाधिकारियों को मुस्लिम दर्दनाक मौत दे चुके हैं। तुमने सरकार होते हुए भी कब कार्यवाही की ? बताओ।
हमारे हजारों धनंजय देसाई, राजपुरोहित जेलों में सड़ रहे हैं और उनकी जेलों या थानों में उनकी आवभगत नहीं की जाती बल्कि उनको घण्टों तक इतनी बुरी तरह पीटा जाता है कि उन बेचारों की चीखें बाहर सड़क तक सुनाई देती हैं।
और ऐसे 5-7 उदाहरण नहीं, सैंकड़ों नहीं हजारों उदाहरण हैं।
लेकिन कमाल है फिर भी हिन्दू तुमसे जुड़ रहे हैं, बहुत बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं।
75% से अधिक हिन्दू तुम्हें वोट देकर, केंद्र में तुम्हारी पूर्ण बहुमत की सरकार बनवा देते हैं।
तुम्हारे लिए बेचारे फ्री में लाठी, गोली खाते हैं, केस लड़ते- लड़ते कंगाल हो जाते हैं, जेलों में सड़ते हैं और बाहर आकर फिर तुम्हारे पीछे चल देते हैं।
अरे बेशर्मों, ऐसे देवतुल्य हिन्दू समाज के तो तुम्हें चरण धोकर पीने चाहियें,
परन्तु धिक्कार है तुम संघी व दलाल बीजेपी नेताओं पर कि इतने वफादार, निस्वार्थ व देशभक्त हिन्दू समाज को तुम बेइज्जत करते हो, उन्हें गद्दार कहते हो, बिकाऊ कहते हो, उनके आचरण की खिल्ली उड़ाते हो , उन्हें ताने देते हो ....
वो भी उनकी सरकार से सिर्फ इतनी मांग पर कि भाई हम मुस्लिमों की वजह से बहुत परेशानी में हैं, अब अपनी सरकार भी है, कृपा हमारी मदद कीजिये;
देश के हर कोने में हमारी बहन बेटियों की इज्जत हर रोज मुस्लिम खराब कर रहे हैं, कृपा सख्ती दिखाइए व उन्हें बचाइये।
यदि घोड़े की टांग राष्ट्रीय खबर और चिंता बन जाती है लेकिन केरल-कर्नाटक में स्वयंसेवकों की निर्मम हत्याएँ सिरे से गायब हो जाती हैं तो इसका अर्थ यही है कि आप निकम्मे हैं... जब आपको मालूम है कि मीडिया "Presstitute" है और पिछले कई वर्ष से आपके खिलाफ ही है तो अब सत्ता में आने के बाद भी, सिर्फ उसे कोसने का काम कोई मूर्ख ही कर सकता है...
यदि आप में इतनी ताकत नहीं है कि आप मीडिया की बाँह मरोड़कर उसे देशहित की ख़बरें दिखाने के लिए मजबूर कर सकें, तो फिर ये सात-आठ राज्यों और केन्द्र में सरकारें क्या घास छीलने के लिए हैं??
खबरंडियाँ तो वेटिकन और सऊदी से पैसा खाकर "उनका काम" बखूबी कर रही हैं, लेकिन यदि पिछले दस-पन्द्रह वर्ष में आप अपने खुद के मीडिया चैनल या अखबार नहीं खड़े कर सके हैं, तो स्वाभाविक रूप से लानत आप पर ही है...
सोशल मीडिया और मोदी के भरोसे "एक बार" जादू चल गया है, बार-बार नहीं चलेगा... जगन रेड्डी और दयानिधि मारन जैसे लोगों तक का खुद का टीवी चैनल है... थोड़ा सोचिये इस पर, शर्म आती है कि नहीं??
क्रमश: जारी.......

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा की शिकायत भाग- 2


इस पर भी जैसे ही कोई राष्ट्रवादी सरकार की निष्क्रियता का रोना रोता है, इनके अनेक तलवेचाटु चापलूस उनकी खुद की नपुंसकता, कायरता, हिन्दू समाज के प्रति गद्दारी व उनका राजनैतिक स्वार्थ साधने के लिए आजकल बड़ी- बड़ी बातें करके हिंदुओं पर ही तोहमत रख देते हैं, उन्हें शिकायत भी नहीं करने देते।
हिन्दू बेचारे दब कर चुप हो जाते हैं।
वास्तव में वे बड़ी बड़ी बातें नहीं अजीबोगरीब और बेहद मूर्खतापूर्ण तर्क करते हैं , जिन्हें पढ़कर कई बार आदमी सिर पकड़ कर बैठ जाता है। संसार में सबसे अधिक हिन्दू उनके साथ जुड़े है, फिर भी वो शिकायत करते हैं कि हिन्दू उनके साथ नहीं जुड़ते।
आज उन गद्दारों के एक तथाकथित ब्रह्मास्त्र का तोड़ आपको देता हूँ। वो कुछ ऐसा सन्देश भेजते हैं--
वो ( मुस्लिम) isis से शान से जुड़ते हैं।
वो जैश ए मोहम्मद से शान से जुड़ते हैं।
वो लश्कर ए तैयबा से शान से जुड़ते हैं।
हिन्दू RSS, VHP, भाजपा आदि से नहीं जुड़ते, अपने घरों से नहीं निकलते, फलाना ढिमका ।
हाँ, तो हिंदुत्व के गद्दारो व सत्ता के दलालों सुनो --
वो ( मुस्लिम ) उनके मुस्लिम संगठनों से जुड़ेंगे क्योंकि --
उनके संगठन व पार्टी एक अखलाक के मरने पर कोहराम मचा देते हैं, उनके सभी बड़े नेता उसके घर पहुँच जाते हैं, फ्लैटों और करोड़ों रुपयों से उसके परिवार को लाद देते हैं, संसद में प्रधानमन्त्री वो भी विपक्ष का, तक को बयान देने पर मजबूर कर देते हैं।
वो जुड़ेंगे क्योंकि उनके नेता विपक्ष में होते हुए भी, उनको कैद से छुड़वाने के लिये कंधार विमान अपहरण कांड को अंजाम दे देते हैं।
वो जुड़ेंगे क्योंकि उनके नेता पैसे व दबाव या जैसे मर्जी मीडिया को उनके पक्ष में रखते हैं।
वो जुड़ेंगे क्योंकि उनके नेता सिर्फ उनके जीवित रहते ही नहीं उनके परिवार को खर्चा आदि देकर सम्भालते हैं, बल्कि मरने के बाद भी उनके बूढ़े माँ-बाप को बराबर खर्चा भेजते हैं।
वो जुड़ेंगे क्योंकि कसाब, अफजल गुरु आदि उनके लड़कों को फांसी की सजा होने के बावजूद उनको सिर्फ कागजों में फांसी दी जाती है व उनको अंदरखाते नया नाम व पहचान देकर देश से बाहर भिजवा दिया जाता है।
वो जुड़ेंगे क्योंकि उनके नेता उनको छुड़वाने के लिए रात 2 बजे सुप्रीम कोर्ट खुलवा देते हैं।
वो जुड़ेंगे क्योंकि उनके गिरफ्तार होने पर सिर्फ उनके केस का सारा खर्च ही वहन नहीं किया जाता बल्कि उनके नेता पुलिस से भी सांठ-गांठ करके उनकी थाने/जेल में दामाद की तरह आवभगत करवाते हैं।
वो जुड़ेंगे क्योंकि उनकी पार्टी (धर्मनिरपेक्ष पार्टियों)के नेता/गृहमंत्री उनके इमाम को 150 से अधिक हत्या, बलात्कार व देशद्रोह जैसे संगीन मुकदमे दर्ज होने के बाद भी पुलिस को उसे गिरफ्तार करने की इजाजत नहीं देते।
क्रमश: जारी.......

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा की शिकायत भाग- 1


यह लेख समर्पित है मेरे उन बंधु बाधवो को जो हिन्दू हित की आशा लेकर संघ की शाखाओ में जाकर "प्रभो शक्तिमन हिन्दू राष्ट्रांग भूता" व त्दीयाया कारायेय वधया कटिहम" गाते है..." ये लेख उनको इसलिए समर्पित है क्यकि संघ की शाखाओ से गुजरते हुए संघ प्रचारक व भाजपा नेता प्रचण्ड़ बहुमत के साथ सत्ता शीर्ष पर बैठ कर संघ वन्दना की किस प्रकार धज्जिया उड़ा रहे हैं... और वही संघ संचालक और तथाकथित संघ के हिन्दूवादी नेता या तो उनकी मुस्लिम परस्त हिन्दू घाती नीतियों का स्तुति गान कर रहे है, या मुँह में दही जमाए बैठे है ।यह सब निस्वार्थ स्वयंसेवको को अवश्य जानना चाहिये। क्योंकि जो जाति इतिहास से नहीं सिखती भविष्य उन्हें कभी क्षमा नहीं करता।
हिन्दूस्थानी धरा के कुछ भागो पर विदेशी मुसलमान आताताईयो ने अपनी सत्ता निःसंदेह बना ली थी जय चंदो और मीर जाफर जैसे की गद्दारी के कारण...हर मुसलमान शासक ने अपनी एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था भारत को दारूल हरब से दारूल हरम बनाने के लिए परन्तु वे कभी सफल नही हो सके ...कारण था हिन्दूस्थानी धरा के वीर सबूत कभी शिवा जी का रूप धारण कर, कभी वीर गोकुल सिंह, कभी सुहेलदेव तो कभी राणा प्रताप के नाम से तो कभी चेनम्मा, कभी दुर्गावती, कभी बाजीराव के नाम से तो  कभी बंदा बहादुर के रूप में इन विदेशी मुसलमान आतंककारियो की ताकत को अपनी तलवारो की धार का अनुभव कराते रहे ।
ये देश का सबसे बड़े दुर्भाग्यो मे से एक बड़ा दुर्भाग्य ये भी रहा कि गाँधी जैसा संदेहस्पद चरित्र और नेहरू जैसा लम्पट अय्याश जो ना राष्ट्र का अर्थ समझते थे ना राष्ट्रवाद का... इस देश के पिता और चाचा बन गये और हिन्दूस्थानी इनकी मक्कारी को देख व समझ कर भी इनके पीछे आन खड़े हुए जिसका परिणाम हिन्दू और हिन्दूस्थान आज भुगत रहा है वही ऐसी ही परिस्थितिया और वातावरण अंधभक्ति का आज भी बन चुका है जिसका परिणाम भुगतना बाकी है।
बाल पाल और लाल जैसे राष्ट्रभक्तो के नेतृत्व में कांग्रेस का लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रही थी...इसलिए अंग्रेजो द्वारा गांधी को " प्रचारित किया गया और इसी गांधी ने 1919 मे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम मे " खिलाफ आन्दोलन को घुसेड़ कर मुस्लिम तुष्टीकरण का बीज बोया वही कांग्रेस के राष्ट्रवादी नेताओं को ठिकाने लगाया...
गांधी की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति ने ही भारत के टुकड़े करवाकर " भारत की जमीन पर इस्लामी राष्ट्र पाकिस्तानी का झंडा फहरवा दिया ...जो काम बाहर, गजनवी, गौरी,औरंगजेब नही करवा पाए वो काम गाधी-नेहरू ने करवा दिया ।
गाधी-नेहरू द्वारा बोऐ गये मुस्लिम तुष्टीकरण के पौधे को काग्रेस के 65-70वर्षो के शासन और समस्त राजनीतिक दलो ने खाद पानी देकर वटवृक्ष बना दिया वही तुष्टीकरण के इस पौधे को जड़मूल से उखाड़ फेंकने को संकल्पित सच्चे हिन्दू नेता अपने ही दोगले-गद्दारो के विश्वासघात का शिकार होकर षड़यन्त्रों में उलझते चले गये।
कल तक गांधी - नेहरू की इसी मुस्लिम तुष्टीकरण की नीतियो के विरूद्ध संघ की शाखाओ से लेकर सड़को तक गला फाड़ते हुऐ संघ व भाजपा के नेता सत्ता में आकर आज " भारत मे इस्लामिक बैंक खुलवा भारत का आर्थिक इस्लामीकरण करवाने की शुरूआत करवा कर "मुस्लिम तुष्टिकरण का नया अल्लाह बनकर गांधी, नेहरू, इन्दिरा, राजीव, मनमोहन, अटल को पछाड़ रहे हैं। सत्ता से बाहर रहने पर संघ- भाजपा जिन प्रश्नों को उछालते है, उन्हें सत्ता में आकर न केवल छोड़ देते है, बल्कि कई बार ठीक विपरित कार्य भी करते है। यह तो कांग्रेस बिना कांग्रेसी शासन हुआ।
क्रमश: जारी.......
स्पष्टीकरण : चारों तरफ हुई निन्दा के बाद मोदी सरकार ने बाद में इस्लामिक बैंक के कार्य को स्थगित कर दिया है। यह इस लेख के लिखे जाने के बाद की बात हैं।

हिंदुपुत्रों इस अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाओ !


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पिछले 60 सालों से संघ,जनसंघ ,भाजपा,हिन्दू महासभा एवं शिवसेना के लिए प्रचार प्रसार करनेवाले, हजारो सभाओ में भाषण देकर हिन्दुओ के मन में धर्मनिष्ठा की लौ जलाने वाले , भोजशाला में सरस्वती मंदिर बनने के लिए लड़ने वाले - विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ मार्गदर्शक गुरुदेव आंचार्य धर्मेंद्र देव जी को राजस्थान के बारां जिले की एक अदालत नेेे 2008 में भाजपा के समर्थन में हुयी एक सभा में धार्मिक भावना को भड़काने वाला भाषण देने के जुर्म में कल एक साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनायी है।
बारां कोतवाली पुलिस के अनुसार एसीजे अदालत बारां के मजिस्ट्रेट आशीष मीणा ने आचार्य धर्मेन्द्र को भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 125 और 153 ए को दोषी मानते हुए एक एक साल की कैद की सजा सुनायी है।
जीस बीजेपी के समर्थन में 2008 में ये सभा हुयी उस बीजेपी की वर्तमान सरकार ने आचार्य के ऊपर से अभियोग हटाने की जरा सी भी नैतिकता नही दिखाई !!
इसके बिलकुल विपरीत बीजेपी के कई पूर्व विधायक,सांसद,पूर्व सांसद, निर्वाचीत और नव निर्वाचित प्रतिनिधियों पर चल रहे छोटे बड़े मामलो को हटाया गया है , खुद प्रस्तुत 2008 की इस सभा के आयोजक को मात्र 50 रूपये के जुर्माने पे छोड़ दिया गया ,
जिस भाजपा की जड़ो को आचार्य ने अपने पसीने से सींचा आज उनपर आये मामले से उन्हें छुड़ाना भाजपा का और समग्र भारत के अखिल हिन्दुओ का प्रथम कर्तव्य है !
क्या गौरक्षा पर बोलना गुनाह है ?
आतंक की आग में भारत को जला देने वाले पाकिस्तान के विरुद्ध बोलना अपराध है ?
ओवेसी 100 करोड़ हिन्दुओ को काट डालने की बात करता है ! वामपंथी भारत के टुकड़े करने की बात करते है और अब्दुल्ला पत्थरबाजो को भड़काता है ये सब खुले घूमते है और आचार्य ने हिंदुत्व की बात कर दी तो उन्हें सजा ? वो भी हिंदुत्व के नाम पर सत्ता में आयी बीजेपी के वसुंधरा राज में ???
हिंदुपुत्रों इस अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाओ !!
हमारे वरिष्ठ धर्मगुरुओ के साथ ऐसा अनादर होना हमारे अस्तित्व के ऊपर प्रश्नचिन्ह है !!
पूरा संत समाज कोर्ट के इस निर्णय के विरोध में उतर आया है अब हमारी बारी है !
हर हर महादेव
जयति अखंड हिन्दू राष्ट्रम् !
भारत स्वाभिमान दल

शव दफनाने को कानूनन प्रतिबंधित किया जाये


http://epaper.jagran.com/…/05-jul-2017-edition-Delhi-City-p…
माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय ने वक्फ बोर्ड से पूछा कब्रिस्तान में मुर्दे दफनाने का विकल्प !
पूछा, बढ़ती मुस्लिम आबादी के लिए कैसे हो व्यवस्था ?
~
भारत स्वाभिमान दल तो पहले से ही मांग करता रहा है कि शव दफनाने को कानूनन प्रतिबंधित किया जाये, शव को जलाया जाना अनिवार्य किया जाये, इसके लिए हमने दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन को पत्र भी लिखा था, पर उसका कोई उत्तर अभी तक प्राप्त नहीं हुआ।
वह पत्र पुन: आपके सामने प्रस्तुत है, आप लोग भी भूमि व पर्यावरण की रक्षा के लिए इस मांग को आगे बढ़ाये


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स्वयं शस्त्र उठाकर राक्षसों का वध करो

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यह सभी चित्र भारत के हैं, हर तरफ हिन्दू मर रहा हैं।
अब निर्णय तुम्हें करना है हिन्दुओं किसी पार्टी संगठन से मदद की आशा करोगे अथवा स्वयं शस्त्र उठाकर राक्षसों का वध करोगे !

साम्प्रदायिक आधार पर भेदभाव

 
नाम - मोहम्मद अफरोज
उम्र - 17 वर्ष
अपराध - एक गैंग के साथ मिलकर निर्भया के साथ रेप , उसकी हत्या का मुख्य अपराधी , सबसे ज्यादा बर्बरता करने का दोषी । अब फ्री घूम रहा है ।
सजा - नाबालिग कानून के तहत सजा के बाद दस हजार का इनाम , सिलाई मशीन ।
नाम - सौवीक सरकार
उम्र - 17 वर्ष
आरोप - सोशल मीडिया पर एक समुदाय के बारे में लिखना, अपनी अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल, ना कोई हत्या ना कोई बलात्कार ।
सजा - जेल में बंद और जबरदस्त पिटाई, मुस्लिम समाज के आतंकवादियों द्वारा सारे बहुसंख्यक हिन्दू समाज के साथ मारपीट , दुकानें घर जलाए गए । जेल से बाहर आने पर भी सुरक्षा की गारंटी नही ।
~
केवल राजनीति गंदी नहीं, इसमें संविधान का भी बराबर का हाथ है, संविधान देश के नागरिकों को हिन्दू और गैर हिन्दू में बाँटता है, साम्प्रदायिक आधार पर भेदभाव करने का आधार प्रदान करता है, जब तक संविधान का पुनर्लेखन नहीं होता, हिन्दू नहीं बचेगा।
भारत स्वाभिमान दल के साथ आये, और संवैधानिक तरीके से संविधान के पुनर्लेखन की माँग को सशक्त बनाये।
व्यवस्था बदलों, देश बचाओं
भारत स्वाभिमान दल

महान सनातन धर्म

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पुराणों में एक कथा है..... कुछ इस प्रकार की राजा रैवतक की पुत्री का नाम रेवती था। वह सामान्य कद के पुरुषों से बहुत लंबी थी, राजा उसके विवाह योग्य वर खोजकर थक गये और चिंतित रहने लगे।...... थक हारकर वो योगबल के द्वारा पुत्री को लेकर ब्रह्मलोक गए।
.
राजा जब वहां पहुंचे तब गन्धर्वों का गायन समारोह चल रहा था, राजा ने गायन समाप्त होने की प्रतीक्षा की।
गायन समाप्ति के उपरांत ब्रह्मदेव ने राजा को देखा और पूछा कहो, कैसे आना हुआ?
राजा ने कहा हे ब्रह्मदेव..... मेरी पुत्री के लिए किसी वर को आपने बनाया अथवा नहीं??????
ब्रह्मा जी जोर से हँसे और बोले जब तुम आये तबतक तो नहीं...... पर जिस कालावधि में तुमने यहाँ गन्धर्वगान सुना उतनी ही अवधि में पृथ्वी पर 27 चतुर्युग बीत चुके हैं और 28 वां द्वापर समाप्त होने वाला है....अब तुम वहाँ जाओ...... और कृष्ण के बड़े भाई बलराम से इसका विवाह कर दो... अच्छा हुआ की तुम रेवती को अपने साथ लाए जिससे इसकी आयु नहीं बढ़ी।
अब विज्ञान की ओर आइए.... प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टीन की एक थ्योरी पढ़ाई जाती है... थ्योरी आफ रिलेटिविटी ....
आर्थर सी क्लार्क ने आइंस्टीन की थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी की व्याख्या में एक पुस्तक लिखी है मैन एंड स्पेस, उसमे गणना है की यदि 10 वर्ष का बालक यदि प्रकाश की गति वाले यान में बैठकर एंड्रोमेडा गैलेक्सी का एक चक्कर लगाये.... तो वापस आने पर उसकी आयु मात्र 66 वर्ष की होगी जबकि धरती पर 40 लाख वर्ष बीत चुके होंगे।....
.
अब आप स्वयं सोचिए.... जो बात वैज्ञानिकों को जानने में इतना समय लगा... वो हमारे देश में, सनातन धर्म में... काफी पहले ही पुराणों में लिख दिया गया था....
और इस महान सनातन धर्म के होते हुए धरती को चपटी बताने वाले मजहब के लोग अपने धर्म को श्रेष्ठ बताए तो इससे बड़ा मजाक कुछ नहीं हो सकता....
सनातन संस्कृति संघ/भारत स्वाभिमान दल

यही है गद्दारी

राजधानी दिल्ली में जिहादी कटुवे #आदिल_खान ने सरेआम एक हिन्दू लड़की की नृशंस हत्या कर दी हैं।
अब हत्यारा मुस्लिम है तो उसको मीडिया द्वारा मनचला लिख दिया गया, यदि घटना उलट होती, हत्यारा हिन्दू और लड़की मुस्लिम होती तो अब तक सारी मीडिया और सभी पार्टियों के नेता पहुंच जाते। और महिनों तक देशभर में सेक्युलर आतंकवाद फैलाया जाता।
सावधान हिन्दुओं !
यही है दोगलापन।
यही है षडयंत्र।
यही है जिहाद।
यही है गद्दारी।

 No automatic alt text available.

मंगलवार, 4 जुलाई 2017

श्लोक ,मन्त्र रहस्य

 हिन्दू धर्म के प्राचीन ग्रंथो में संस्कृत में श्लोको,मंत्रो के मॉध्यम से विषय क्यों प्रस्तुत किये??

हमारा मस्तिष्क एक नियमित वस्तु, प्रसंग, ध्वनि को आसानी से ग्रहण कर लेता है, इनसे तालमेल बिठा लेता है , यही कारण है कि ट्रेन में एक संगीतमय खटपट की तेज किंतु  लयबद्ध आवाज में भी हम सो जाते है।

अनियमित चीज,अनियमित रूप से बिखरा सामान, अनियमित रूप के कोनो से बना हुआ घर, अनियमित रूप के डिजाइन के कपड़े देखने में विचित्र लगते है और ऐसे चीजो को देखकर दिमाग झुंझला जाता है,बेचैन होता है, बीपी बढ़ता है।


एक बालक में 5 से 9 वर्ष तक कोई तथ्य सीखने, ग्रहण करने, याद रखने, चेहरे स्थान याद रख पाने की बहुत व्यापक क्षमता होती है।

विशिष्ट तथ्य को श्लोक ,मन्त्र आदि के रूप में ऋषि रचित ग्रंथो में लिखा गया।
और  उसके विस्तार को समझने के लिये संस्क्रत के लेख के रूप में लिखा जाता है।

इसलिये
गुरुकुलों में इसी उम्र में विभिन्न विषयों से सम्बंधित तथ्य श्लोको, मंत्रो के रूप में  बालकौ को रटा दिए जाते थे जोकि फिर जीवन भर उनके दिमाग में स्थाई हो जाते थे।

ये मन्त्र, श्लोक एक विशिष्ट शैली में गाये जाते है,या बोलकर कहे जाते है, तो एक विशिष्ट आवृति उत्पन्न होती है, जोकि दिमाग को सक्रीय करती है अर्थात मस्तिष्क के nurons तंत्र को खोलती है अर्थात हमारी स्मरण शक्ति अधिक तीव्र होते जाती है।

मंत्रो के द्वारा अधिक परिष्कृत आवृति, ध्वनि का उत्पादन होता है
जोकि
वातावरण में वायु के मॉध्यम से  अन्य तरंगों में परिवर्तित modulated होकर, आह्वान किये गए पदार्थ, व्यक्ति, पंचतत्व तक पहुचकर, कार्य सिद्ध करते है।

"व्यवस्था बदलों, देश बचाओं" जन आंदोलन

भारत स्वाभिमान दल द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन के लिए आयोजित जन आंदोलन "व्यवस्था बदलों, देश बचाओं'' का ट्रायल सफल रहा। इस जन आंदोलन की एक मांग भारतीय संविधान का पुनर्लेखन भी हैं, कही से, विशेषकर शासन -प्रशासन की ओर से कोई विघ्न तो उत्पन्न नहीं होता, यही देखने के लिए ट्रायल रखा गया था। भविष्य में "व्यवस्था परिवर्तन" की इन्हीं मांगों को लेकर बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जायेगा।
इस "व्यवस्था बदलों, देश बचाओं" जन आंदोलन में देशभर से पधारे सभी क्रांतिकारी भाइयों बहनों का भारत स्वाभिमान दल हार्दिक अभिनंदन व आभार व्यक्त करता है।
वन्दे मातरम्
जय श्री राम

देश भक्तों का राजनीतिक विकल्प भारत स्वाभिमान दल

भारत के अधिकांश हिन्दू रोना रोते है कि कोई पार्टी हिन्दुओं की नहीं सुनती, सब नेता हिन्दुओं के साथ विश्वासघात करते हैं ! देश में कोई ठोस धर्मसापेक्ष राष्ट्रवादी राजनैतिक विकल्प नहीं हैं !
ऐसे लोगों से हम कहना चाहेंगे कि आप लोग राजनैतिक विकल्प न होने का रोना छोड़कर क्यों नहीं भारत स्वाभिमान दल के साथ आते,, क्यों नहीं भारत स्वाभिमान दल के हितचिंतक बनकर दल को सशक्त राजनैतिक विकल्प बनाते । अब इससे बड़ा प्रमाण क्या होगा आपके लिए कि जब भारत स्वाभिमान दल स्पष्ट घोषणा कर रहा है कि "भारत स्वाभिमान दल जो घोषणा करेगा, वहीं कार्य करेगा", इसके लिए दल का चुनावी घोषणा पत्र भी नोटरी द्वारा प्रमाणित कराकर जारी किया जाएगा, ताकि अपने वचनों को पूरा न किये जाने की स्थिति में कोई भी भारतीय नागरिक भारत स्वाभिमान दल पर कोर्ट केस कर सकें।
इसलिए अनावश्यक सोच विचार छोड़ कर छब्बीस सौ वर्षों की गलतियों को सुधारने के लिए भारत स्वाभिमान दल के हित चिंतक बनें, और व्यवस्था बदलें।

हितचिंतक बनने के लिए भारत स्वाभिमान दल की हितचिंतक योजना प्रभारी भाई श्री धर्म सिंह जी से 8535004500 पर सम्पर्क करें ।

वन्दे मातरम्
भारत माता की जय

देश की असली समस्या

कई बार सोचता हूँ आखिर इस देश की असली समस्या क्या है ?
क्या अशिक्षा वो समस्या है,या गरीबी ?

क्या बेरोजगारी वो समस्या है या भ्र्ष्टाचार ??
प्रतिभा पलायन या युवाओ को सही मार्ग-दर्शन की कमी?
या फिर नक्सलवाद और आतंकवाद वो समस्या है ?
क्या आज के नेता वो समस्या है ?
शायद नहीं , ये समस्या नहीं है!

इस देश की असली समस्या है आज के निकम्मे और नाकारा युवा जो अपनी ज़िम्मेदारी का सही निर्वाहन नहीं कर रहे है | देश की समस्याओं का समाधान करने के बजाए बड़ी खुशी से ये कहते है “आइ हेट पॉलिटिक्स”

आप क्यूँ नफरत करते है ?

ये गलत दिशा मे जा रही है इसलिए ?
देश का नुकसान कर रही है इसलिए ?
राजनीती में पावरफुल भ्रष्ट लोग बैठे हुए है इसलिय ?

आप लोगो से जानना चाहता हूँ की इस राजनीति को सही दिशा मे कौन ले जाएगा “आइ हेट पॉलिटिक्स” कहने वालों आप लोग किस गलतफ़हमी मे , क्या किसी चमत्कार का इंतजार कर रहे हो , या इस भरोसे मे हो की इन नेताओं की शर्म आएगी और सब सही हो जाएगा , ऐसा कुछ नहीं होने वाला |

आचार्य चाणक्य ने एक बार कहा था “ किसी भी देश को बर्बाद करने में सबसे बड़ा योगदान उन युवाओ और पढ़े लिखे लोगो का होता है जो कहते है की "मुझे राजनीती से नफरत है" याद् रखना राजनीती ही किसी देश का भविष्य तय करती है अत: इस पर पैनी नजर रखें|

जो लोग बड़ी शान से कहते है “आइ हेट पॉलिटिक्स” उन सभी युवाओं से निवेदन करना चाहता हूँ की हो सकता है आपकी राजनीति में दिलचस्पी न हो लेकिन राजनीति न सिर्फ आप में दिलचस्पी रखती है , बल्कि वो आपके जीवन को हमेशा प्रभावित भी करती है और आपकी आने वाली पीढियो का भविष्य आज की राजनीति ही तय करती है , इसे नकारा लोगे के भरोसे ना छोड़े अन्यथा वो दिन दूर नहीं जब आप “आइ हेट पॉलिटिक्स” कहने लायक भी नहीं रह जाएँगे इस पर स्वयं विचार करें |

जिन लोगो को मेरे लेख से बुरा लगा है मुझे उन सभी लोगो से हमदर्दी है क्यूंकी उनमे सच सुनने की हिम्मत नहीं है और ऐसे लोगो का कुछ नहीं किया जा सकता सिर्फ हमदर्दी जतायी जा सकती है|
आपको धन्यवाद

#जय #हिन्द #वन्दे #मातरम #भारत #स्वाभिमान #दल

दलितों के भगवान विठोबा

दलितों के भगवान विठोबा।।
हम सब दलित है और हम सब को उठानेवाले हमारे माता पिता हमारे विठोबा है।
पंढरी ची वारी
आहे माझ्या घरी ।।
आषाढ़ी एकादशी की जै जय राम कृष्ण हरिम।।
सनातन धर्म में शैव और वैष्णव 2 आध्यात्मिक परंपरायें चलती है। शैव शिव जी को मानते है और वैष्णव विष्णु को। दोन्हों परंपरायें महान; सभ्य; धर्मनिष्ठ और मानवीय है।
दोन्हों का मूल वेद है। दोन्हों परंपराओं में जातीय कट्टरपन; धार्मिक अंधविश्वास ; भाषीय अथवा प्रांतीय भेदभाव नही है। फिर भी दोन्हों साम्प्रदायि लोगों में स्व वर्चस्व की नोकझोक होती रहती थी-शिव बड़ा की विष्णु। वो भी बहुत प्रेम से।।
इसि में से एक क्रांन्तिकारी संप्रदाय ने जन्म लिया-वारकरी सम्प्रदाय।
वैदिक व्यवस्था के विद्वेष पूर्ण संक्रमण काल में इस संप्रदाय की करीब 700 वर्ष पहले नीव पड़ी। धार्मिक भेदभाव पूर्ण व्यवहार के कारण अधिकतर लोग अपनी वैदिक पहचान और धार्मिकता खोते जा रहे थे। लोग धार्मिक; सामाजिक एवँ राजनैतिक स्तरपर पतित हो चुके थे।
लोग अपनी संस्कृत भाषा; भूषा; रहनसहन खोते जा रहे थे। हमारी वैदिक व्यवस्था और पहचान भी नष्ट होने की ओर थी।
ऐसे सांस्कृतिक पतन के अंधकार युग में लोगों को चाहिए था प्रेम; सर्व बंधुत्व; दया; क्षमा के साथ सह अस्तिव की धार्मिक स्वतंत्रता। जिसमें सब को मिले सामाजिक; धार्मिक समान अवसर।
इस कमी को पूरा करने के लिए ही जन्म लिया वारकरी संप्रदाय ने। यह मूल रूप से वैदिक है और सर्वजन हिताय सर्व जन सुखाय का काम करता है। यह समत्व; दया; विनम्रता; समर्पण और धार्मिक समान अवसर पर आधारित है।
विठोबा दलितों के ही भगवान है। हम सब दलित है और वे ही हम सब को उठानेवाले हमारे मातापिता है।।
इस सम्प्रदाय का सिद्धांत है जड़- चेतन सर्व जगत में एक भगवदीय सत्ता का वास है- आप उस को विठ्ठल; हरी; विष्णु; शिव आदि नामों से पुकार सकते है। हरी हरा भेद नाही। नका करू वाद।।विठ्ठल जली स्थली भरला। सब के साथ समानरूप से अच्छा व्यवहार कीजिये।
संत तुकाराम जी ने तो स्पष्ट घोषणा कर दी थी- वेदों का अर्थ तो हमे ही पता है; बाकि लोग तो केवल उसका बोझा ढोते है- वेदा चा तो अर्थ हमासाची ठावा। इतरानी वहवा भार माथा।
इसके मूल पुरुष थे संत नामदेव महाराज दर्जी; संत ज्ञानेश्वर महाराज; संत चोखोबा महार; संत तुकाराम महाराज कुनबी; हैबतराव बाबा आदि। इस संप्रदाय में सभी जातियों के सभी वर्णीय संत हुए है। इन में न कोई छोटा है न बड़ा होता है।
सभी वर्णों के लोग एक जगह बैठकर भोजन करते है; भजन करते है; कीर्तन करते है- नामदेव तुकाराम तुकाराम तुकाराम।
वे नियमित पंढरी की वारी करते है-आळंदी से पंढरपुर। इसीलिए इन्हें वारकरी कहा जाता है। वारी माने नियमित रूप से विठ्ठल भगवान् के दर्शन के लिए पंढरपुर की वाहन से अथवा पैदल यात्रा करना। यह पदयात्रा 21 दिन चलती है। इसमें पैदल चलनेवाले करीब 2 लाख वैष्णव होते है। यह यात्रा आषाढ़ी एकादशी को पंढरपुर पंहुच जाती है।
माथे पर चंदन का तिलक; गले में तुलसी की माला; हाथ में वीणा और करताल; कंदे पर भगवी पताका; हृदय में पवित्र प्रेम और मुख से हरिनाम गजर यही तो वारकरी संप्रदाय का स्वरुप है।
विठ्ठल विठ्ठल विठ्ठला। मेरे विठ्ठल पांडुरंगा।
महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती जी से साभार