शुक्रवार, 7 जुलाई 2017

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा की शिकायत भाग- 6


कुछ कहते है कि यह मोदी की कूटनीति है, संघ पदाधिकारियों ने ये कहा, वो कहा-
मेरठ में आयोजित संघ प्रशिक्षण प्रथम वर्ष के दौरान हमें संघ के पूर्व सरसंघचालक स्वर्गीय श्री कुप्प सी सुदर्शन से वार्ता करने का अवसर मिला था तो हमने उनसे अटल बिहारी वाजपेयी और भारत के सबसे बड़े कत्लखाने अल कबीर के मालिक अतुल सभरवाल के धनिष्ठ सम्बन्धों व मीट व्यापारियों से चन्दे को लेकर चर्चा की थी, तो श्री सुदर्शन जी ने भी बहुत सारी विवशताएँ गिना दी थी।
मोदी जी ने जो गौ रक्षको को गुण्डा बताया है, वो केवल बयान तक सीमित नहीं रखा बल्कि देश के सभी कमिश्नरो को पत्र जारी करा कर गौ रक्षको के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिया है।
इसका कारण समझे
मोदी जी ने अपने भाषण में स्वयं स्वीकार किया है कि उनके कुछ मित्र मांस व्यापारी है, गौ रक्षक गाय रोकेगे तो उन्हें समस्या तो आयेगी ना, इसीलिए ये सब भाषण देना पड़ा, यदि उन्हें मांस माफिया पर भी क्रोध आता तो कोई समस्या न थी।
मोदी और उनकी सरकारअलगाववादियो से बात कर सकती है....पाकिस्तानियो से बात कर सकती है तो गौ रक्षको से क्यो नही...???? अलगाव वादी गुण्ड़े है या गौरक्षा की बात करने वाले....????
संघ के स्वयंसेवक भाईयों जान लो वो कारण जिनके चलते गौरक्षको इस मोदी को गुण्ड़े नजर क्यो आने लगे है और संघ चालक क्यो अपने मुँह मे दही जमाए बैठे हैं।
सरकार देश भर में हजारो कत्लखाने खोलना चाह रही है और ये गौरक्षा और गौहत्या प्रतिबंधित करने की बात करने वाले सरकार की इसी योजना मे रोड़े है ।
अपने विदेशी दौरो में गीता जी का विकृत गांधी भाष्य बाँटने वाले मोदी की सरकार कत्लखाने मे पशु को काटने की मशीनो पर सब्सिड़ी देने का निर्णय करने के पश्चात गौरक्षको को झासा दे रही थी कि इससे गाय नहीं कटेगी तो दूसरी ओर बीफ निर्यात को ही अपना विकास समझ रही है , इसी नीति के तहत विदेशी कम्पनिया भारत आ चुकी है । ऐसे मे गौ हत्या प्रतिबंध और गौ हत्या को रूकवाने का प्रयास करने वाले गौरक्षको को ठिकाने लगाना जरूरी है । सो गौरक्षक मोदी को गुण्ड़े नजर आ गये ।
अब ऐसे लोगो की पहचान होगी जो कत्लखाने विरोधी है।उनको फर्जी गौभगत बता कर जेल में डाल दिया जायेगा। राजपुरा, पंजाब के सबसे बड़े गौ रक्षक श्री सतीश प्रधान को झूठे आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया है। भारत सरकार 3करोड़ 32लाख50 हजार एकड़ ज़मीन बेचकर खा चूकि है जिसके कारण गौवंश सड़को पर भूखा मर रहा है।
शहरीकारण के चलते गोचरभूमि(चारागाह ज़मीन) पर बड़ी बड़ी इमारते खड़ी हो चुकी है। जबकि सरकार को शहरीकरण करने से पहले गॉव में रहने वाले पशु पक्षीयो और जीव जन्तुओ के भोजन पानी के बारे में सोचना चाहिए। जब उनका पारंपरिक भोजन पानी छीन लिया जाता है तब उनको मजबूरन इंसानो का झूठा कूड़ा कचरा और प्लाटिक खाना पड़ता है।
बीजेपी का बीफ ( गो-मांस ) पर पाखड
1- दो दिन पहले बीजेपी के नेता व सांसद उदित राज ने गौ मांस खाने की उपयोगिता उसेन बोल्ट की मिसाल दे कर समझाने की कोशिश की थी ( जाहिर है उनका यह ब्यान बिना मोदी जी की मर्जी के नहीं दिया गया होगा )
2 - आज केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी नेता राम दास अठावले ने एलान किया है "" हम गौ- मांस के पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ "" है l
3- भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहले ही बोल चुके है कि देशभर में गौ हत्या पर प्रतिबंध नहीं लगाया जायेगा।
इन बयानों और 80 % गौ- रक्षको को गुंडा - अपराधी मोदी द्वारा घोषित किये जाने से साबित होता है बीफ या गौ - हत्या के पक्ष में है बीजेपी सरकार l
क्या उदित राज मोदी की भाषा बोल रहा है•••?
अगर अभी भी उदितराज जैसा असुर संस्कृति का प्रचारक व्यक्ति संघ के अनुसांगिक संगठन भाजपा का सांसद बना रहता है तो तय मानिये कि भाजपा, संघ और मोदी, तीनो गौवंश और हिन्दू विरोधी हैं।
क्रमश: जारी.......

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