सोमवार, 22 मई 2017

सनातन धर्म के पतन के कारण और निवारण



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ध्यान से पढ़ें, समझें, जीवन में उतारें !!!!!
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क्योंकि, जो गलती को सुधार ले उसे मनुष्य कहते हैं।
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सनातन हिन्दुओं के सभी प्रमुख गुणों को, मुसलमान, इसाई और बौद्धों ने अपनाया और दुनियाँ में छा गए।
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और सनातन हिन्दू इन्हें त्याग कर, बर्बाद होने के कगार पर हैं।

(1) हम धर्म की शिक्षा देकर 7 से 11 वर्ष के बच्चों को गुरुकुल भेजते थे। अब बंद है। 
मुसलमान, इसाई नियम से मदरसा, मिशन स्कूल में पहले धर्म की शिक्षा देते हैं।
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गुरुकुल समाप्त हो गये, मदरसे, मिशन स्कूल हजारों, लाखों की संख्या में खुल गए।
हिन्दुओं के बच्चे भी उसी में शौक से जा रहे हैं। और धर्मनिरपेक्षों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
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प्रत्येक सनातन धर्मावलम्बी के लिए अनिवार्य गायत्री महामंत्र की त्रिकाल संध्या (सुबह,दोपहर, शाम तीनों समय जप ध्यान) समाप्त।
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उनकी 5 समय की नमाज और प्रतिदिन की प्रार्थना शुरू।
(3)
सप्ताह में कम से कम एक दिन, पूजा, सत्संग, संगठन के लिए मंदिर जाना बंद।
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उनका जुमे के दिन नमाज मस्जिद में, और रविवार प्रार्थना चर्च में शुरू।
(4)
हिन्दू साधू संत गुरु जनों ने अपना कर्तव्य निभाना बंद किया, जिससे समाज में उनकी प्रतिष्ठा का क्षय हुआ धर्म शिक्षा हीन हिन्दू अब अपने साधू संतों का अपमान खुले आम करते हैं।
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उनके मौलवी, पादरी जी-जान लगाकर धर्म प्रचार करते है, जिससे उन्हें उनके समाज में भरपूर सम्मान मिलता है।
(5)
कर्म को छोड़कर जाति को अपना लिया | घरेलू समारोहों में धर्म चर्चा बंद। 
 केवल रटी रटायी सत्यनारायण कथा, अखंड पाठ या कीर्तन।
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जाति छोड़कर कर्म को अपनाया | उनके मौलाना गये मिलाद(सत्संग) और पादरी का प्रवचन नियम से होते हैं।
(6)
हिन्दू धर्म गुरू मठ, आश्रम बनाना, गाडी़ से चलना पसन्द करता है,
और केवल समृद्ध हिन्दू के घर जाता है, गरीब हिन्दू को दूर से ही फटकार देता है |
मुस्लिम धर्म गुरू मदरसे बनाता है जिसमें जिहादी शिक्षा दी जाती है, वो पैदल चलता है और बिना भेदभाव के सब मुस्लिमों को गले लगाता हैअमीर से पैसा लेता है और गरीब मुस्लिम को जिहाद के लिए पैसा देता है |
(6)
देवता, धर्म गुरु का अपमान होने पर जुबान खींच लेना बंद।
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उनका ईश निंदा कानून धर्म विरुद्ध एक भी बात बर्दाश्त नहीं।
(7)
धर्म और साम्राज्य विस्तार के लिए, अश्वमेध यज्ञ से, पूरी पृथ्वी पर साम्राज्य विस्तार का लक्ष्य समाप्त। हमने राजनीति छोड़ दी।
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उन्होंने धर्म और राजनीति को जोडकर, दारुल इस्लाम, और पूरे संसार को इसाई बनाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया।
(8)
संविधान में हिन्दू विरोधी प्रावधान बनाकर कालनेमि वादी सरकारों की हिन्दू विरोधी, षड्यंत्रकारी नीतियों से, विद्यालयों में हिन्दू विरोधी पाठ्यक्रम से शिक्षा से हिन्दुओं को धर्मनिरपेक्ष बना दिया।
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उन्हें संविधान में अल्प संख्यक बनाकर भरपूर सरकारी अनुदान देकर उनकी धार्मिक शिक्षा को बढ़ावा देकर और कट्टर बना दिया।
(9)
इसीलिए संसार में हिन्दुओं का एक भी देश नहीं।
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मुसलमानों के 56 देश , और ईसाईयों के संसार में 150 से अधिक देश हैं।
परिणाम:--
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हिन्दू समाज द्वारा हिन्दू हित के लिए प्रचण्ड बहुमत से जिताये गये भारत के राजनेता कुर्सी पर बैठते ही धर्मनिरपेक्ष बन जाते है। और साम्प्रदायिक आधार पर हिन्दू विरोधी बौद्ध, मुस्लिम ईसाई तुष्टिकरण की नीतियाँ बनाते है जबकि वो हिन्दू वोटों से जीतकर आते है |
इसलिए हिन्दू एकता के लिए एक ही रास्ता बचा है :----



*************  जड़ों की ओर लौटें।
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जड़ें सूख गयी हैं-- सनातन धर्म के मजबूत आधार ये हैं ----
गायत्री, गीता, गंगा, गौमाता, यज्ञ और कर्म
***** इन्हें अपनाने से भाग्य की उन्नति होती है। दुर्भाग्य का शमन होता है।
आज 99% हिन्दू ये नहीं करते। इसीलिए पतन के गर्त में पहुँच गए हैं।
अतः आज से ही सनातन धर्म के इन सिद्धांतों का पालन करना शुरू कर दें।
क्योंकि:----
धर्म आचरण करने पर ही, ईश्वर रक्षा करता है।
धन जन से भरपूर बनाता, और विपत्ति हरता है।
आओ मिलकर करें साधना, देव शक्ति के जागरण की।
गूंजे फिर जयकार धरा पर, सत्य सनातन धर्म की।
|| जो बोले सो अभय सनातन धर्म की जय ||
 
- विश्वजीत सिंह "अभिनव अनंत" 
सनातन संस्कृति संघ/भारत स्वाभिमान दल

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