हर व्यक्ति आनन्दित, हर परिवार संपन्न, सबके पास अपने काम और सब कामो में व्यस्त, सर्वोच्च स्तर का चरित्र, बौद्धिक स्तर पर भारत का कोई मुकाबला नहीं था, उच्च स्तरीय गुरुकुल शिक्षा पद्धति, आयुर्वेदिक और शल्य चिकित्सा, तकनीकि विज्ञान और खोज में सबसे आगे, सबसे पहले अंतरिक्ष विज्ञान का ज्ञाता, संस्कार और परम्परा में पूरे विश्व का गुरु और सिरमौर कहलाने वाला भारतवर्ष आज वासना, नशा, भ्रष्टाचार और व्याभिचार और आलस्य में डूबा हुआ है।
हर तरफ चोरी, दुश्मनी, हत्या, बलात्कार, धरना प्रदर्शन, मुफ्तखोरी, दलाली, घूसखोरी और अपराध अपने चरम पर है।
कोई संतुष्ट नहीं, सबके अंदर असुरक्षा की भावना घर कर चुकी है, कुछ भी निश्चित नहीं लगता।
जो समाज का नेतृत्व करते है, जिनके इशारे मात्र पर कुछ बदल सकता है, वो स्वाभिमान जागरण, विकास और राष्ट्रीय एकता के स्थान पर, विनाश और साम्प्रदायिक तुष्टिकरण कर विखण्डन की बात करते है, अपने राजनैतिक हित के लिए हमेशा धर्म के आधार पर भेदभाव करते है, जाति और सम्प्रदाय की बातो में उलझाकर, उकसाकर लड़वाया करते है, और वोट की राजनीति करते है, उनके लिए हम वोट बैंक के अलावा और कुछ नहीं।
जो विकास और जानकारी के स्रोत है, जो जन जन तक जानकारी पहुचाने के माध्यम है, वो अश्लीलता परोसकर विदेशी कम्पनियो का व्यापार बढ़ाकर, कमीशन के रूप में पैसा बटोर रहे है, भारत के नागरिकों को संविधानिक रूप से साम्प्रदायिक आधार पर बांटने वाले कानून लागू कर दिये गये है।
जिनके हाथ में देश का भविष्य है, जो पीढ़ियों का निर्माण करते है, जो अपने द्वारा बच्चों को चरित्र, व्यवहार, सामाजिक और भविष्य निर्माण की कला सिखाते है, उनको कानूनों में बांधकर अपंग बना दिया, और थोप दी विदेशी शिक्षा व्यवस्था।
आज सब व्यवस्थाओं में घुन लग गया है, न कुछ स्पष्ट है और न ही सापेक्ष, अपनी मूल प्रकृति को भूलकर दूसरो की व्यवस्था और गंदे संस्कारो से प्रभावित होकर हम विनाश की अंधी दौड़ में शामिल हो गए है जिसका अंजाम शायद एक दिन सीरिया जैसा हो सकता है।
क्या आप चाहते हो कि आप के बच्चे जिन्हें आप अपनी जान से ज्यादा प्यार करते हो, ऐसे माहौल में जिए, ऐसी व्यवस्थाये विनाशकारी है इनको बदलना होगा।
ऐसे में देश के कुछ युवाओ और बुद्धिजीवी लोगो ने मिलकर, अपने देश के स्वर्णिम इतिहास का अध्ययन कर क्रांतिकारी, योगियो और संतो के जीवन से प्रेरणा लेकर "भारत स्वाभिमान दल"
संगठन की स्थापना की है, और उन सिद्धांतो पर कार्य करने का निर्णय लिया जिन पर चलकर यह देश खुशहाल, संपन्न, शक्तिशाली, संस्कारवान और विश्वगुरु था। आइये मिलकर संस्कारित, खुशहाल, समृद्ध, दिव्य और तेजस्वी भारत का निर्माण करे।
सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन के लिए संगठित होना अति आवश्यक है।
भारत स्वाभिमान दल देश के हर उम्र के विचारशील, प्रगतिशील और राष्ट्रभक्तों का इस महान कार्य में सहयोग के लिए आवाहन करता है।
सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन के लिए भारत स्वाभिमान दल की ग्यारह सूत्री कार्य योजना:-
1. वर्तमान
में
चल
रही
समस्त
गलत
नीतियों
व
भ्रष्ट
व्यवस्थाओं
का
राष्ट्र
हित
में
पूर्ण
परिवर्तन
कराना।
भ्रष्टाचार,
बलात्कार,
दहेज
हत्या,
गौहत्या,
आतंकवाद
व
मिलावट
करने
वालों
के
विरूद्ध
मृत्युदण्ड
का
कानून
बनवाकर सम्पूर्ण भारतीयों
को
सुरक्षा
प्रदान
करवाना।
शिक्षा,
स्वास्थ्य,
कानून,
अर्थ
व
कृषि
व्यवस्था
का
पूर्ण
भारतीयकरण
व
स्वदेशीकरण
करना।
2. साम्प्रदायिक
आधार
पर
भेदभाव
करने
वाले
कानूनों
को
निरस्त
कर
समान
नागरिक
संहिता लागू करना।
वर्तमान
भारतीय
संविधान
जाति
व
धर्म
के
आधार
पर
भारतीय
नागरिकों
में
भेदभाव
करता
हैं,
यह
संविधान
धर्म
के
आधार
पर
किसी
नागरिक
को
सामान्य,
तो
किसी
नागरिक
को
विशेषाधिकार
देता
हैं।
इस
संविधानिक
साम्प्रदायिक
भेदभाव
के
चलते
देश
में
जातीय
व
साम्प्रदायिक
तनाव
बढ़
रहा
हैं,
जो
राष्ट्रीय
एकता
व
अखण्डता
के
लिए
घातक
हैं,
और
कालांतर
में
गृहयुद्ध
का
कारण
भी
बन
सकता
हैं। राष्ट्र
हित
में
साम्प्रदायिक
आधार
पर
भारतीय
नागरिकों
में
भेदभाव
करने
वाले
कानूनों
को
निरस्त
कर
समान
नागरिक
संहिता
लागू
की
जाए।
देश
में
समानता
का
अधिकार
लागू
किया
जाना
चाहिए।
3. जातिवाद
को
असंवैधानिक
घोषित
करना,
सरकारी
महत्व
के
अभिलेख
विद्यार्थी
पंजीकरण,
मूल
निवास,
जॉब
पंजीकरण
आदि
परिपत्रों
में
जाति
लिखने को प्रतिबंधित करना।
4. नौकरी
हेतु
किसी
भी
प्रकार
के
आरक्षण
को
अवैध
घोषित
कर
उस
पर
प्रतिबंध
लगाना,
केवल
शिक्षा
हेतु
आर्थिक
आधार
पर
गरीब
विद्यार्थियों
को
सहायता
दी
जाए,
नौकरी
उन्हें
उनकी
योग्यता
के
आधार
पर
मिले।
5. भ्रष्टाचार
पर
अंकुश
लगाना,
काले
धन
को
वापस
मंगाना,
भ्रष्टाचारियों
की
संपत्ति
को
राष्ट्रीय
संपत्ति
घोषित
करना
व
भ्रष्टाचारियों
को
कठोर
दंड
का
प्रावधान
करना।
6. केन्द्रीय
गौवंश
मंत्रालय बनाकर स्वदेशी गौवंश को प्रोत्साहन की नीति बनाना। केन्द्रीय योजना
बनाकर
जिला
स्तर
पर
एक
एक
लाख
गौवंश
की
क्षमता
वाली
गौशालाएँ बनवाना,
उनमें
बेसहारा
गाय,
बैल
व
सांडों
को रखकर
गौवंश
आधारित
उद्योगों
की
शुरूआत कराना,
गैस,
बिजली,
खाद,
औषधि
आदि
गौवंश
से
उत्पन्न
कर
विदेशी
मुद्रा बचाना,
तथा
गाँवों
में
गौवंश
आधारित
संयंत्र
स्थापित
करने
के
लिए
गौवंश
पालक
किसानों
को
सबसिडी देने का प्रावधान करना,
ग्रामीण
भारतीयों
को
आत्मनिर्भर
बनाना।
7. सभी धर्मों के भारतीय नागरिकों के लिए अधिकतम तीन संतान उत्पन्न करने का कठोर जनसंख्या कानून बनाना, इस कानून की अवमानना करने वाले को सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित कराना।
8. विद्यालयों
में
चरित्र
निर्माण,
व्यवसायिक
शिक्षा
व
सैन्य
शिक्षा
अनिवार्य
करना।
तथ्यों
के
आलोक
में
भारतीय
इतिहास
का
पुनर्लेखन
कराना
तथा
ताजमहल,
लालकिला
आदि
प्राचीन
भवनों
के
वास्तविक
निर्माताओं
को
श्रेय
देकर
भारत
का
सुप्त
स्वाभिमान
जगाना।
काल
गणना
के
लिए
युगाब्ध
को
अपनाकर
राष्ट्रीय
पंचांग
के
रूप
में
लागू
करना।
केन्द्रिय
परीक्षाओं
में
अंग्रेजी
प्रश्नपत्र
की
अनिवार्यता
समाप्त
करना
तथा
संस्कृत,
हिन्दी
व
क्षेत्रिय
भाषाओं
को
वैकल्पिक
आधार
प्रदान
करना।
9. स्वदेशी
उत्पादनों
को
प्रोत्साहित
करना।
आयुर्वेद
को
राष्ट्रीय
चिकित्सा
पद्धति
घोषित
करना।
10. उन्नत
कृषि
एवं
पशुपालन
को
प्रोत्साहित
करना
तथा
राष्ट्रीय
किसान
आयोग
का
पुनर्गठन
करना।
11. बेरोजगारी,
गरीबी,
भूख,
अभाव
व
अशिक्षा
से
मुक्त
स्वस्थ,
समृद्ध,
संस्कारवान
व
शक्तिशाली
भारत
का
पुनर्निर्माण
करना
और
भारत
को
विश्व
की
महाशक्ति
तथा
विश्वगुरू
के
रूप
में
पुन:
प्रतिष्ठित
करना।
भारत स्वाभिमान दल - समर्पण निधि योजना
साथियों, जैसा कि आप सभी लोग जानते है कि देश, धर्म और संस्कृति की रक्षा व संवर्धन के लिए कार्यरत क्रांतिकारी संगठन भारत स्वाभिमान दल एक राजनीतिक विचारों का गैर राजनीतिक संगठन हैं।
साथियों साम्प्रदायिक तुष्टिकरण कर्ताओं व धर्मनिरपेक्ष शक्तियों से धर्म और संस्कृति को सुरक्षित करने के लिए ही नहीं, देश की समूचीव्यवस्था को सही तरीके से चलाने के लिए भी अच्छे लोगों का राजनीति में आना जरूरी है। ऐसे ही लोग भ्रष्टाचारी व आसुरी शक्तियों के प्रभाव को दूर कर पाते हैं जो आम जन की अभिलाषाओं को पूरा कर पाने की दिशा में प्रयत्नशील रहते हैं।
हमारे जनतंत्र में चुने हुए लोगों का महत्व बहुत है। सरकार चलाने व व्यवस्था बनाने का काम इन्हीं के हाथ में होता है। लेकिन देखने में यह आता है कि किसी भी तरह चुनाव जीतने वाला इंसान आम जन की सेवा के भाव से नहीं आता। उसके निजी स्वार्थ होते हैं और वह समाज के हर तबके के बारे में प्राय : मानवीय दृष्टि से नहीं सोचना चाहता। यहीं से साम्प्रदायिक तुष्टिकरण का कारोबार शुरू हो जाता है। जो योजनाएं आम जनता के कल्याण के लिए बनाई जानी चाहिए, वे साम्प्रदायिक आधार पर बनाई जाती है, सभी भारतीयों को उनका लाभ मिल ही नहीं पाता।
इस स्थिति को समाप्त करने के लिए यह बहुत आवश्यक है कि राजनीति में समाज सेवा का भाव रखने वाले हिन्दुत्वनिष्ठ लोग अधिक से अधिक आएं। शुरुआत भले ही कम लोग करें , लेकिन उनके राजनीति में प्रवेश से और लोगों का हौसला भी बढ़ेगा। उनके सही जगह पहुंचते ही साधारण नागरिक को भी सरकार पर विश्वास होने लगेगा।
मित्रों नेताओ को कोसने की प्राचीन परंपरा छोडकर अब नई पीढ़ी को राजनीति के शुद्धिकरण का बीड़ा उठाना चाहिए । इसके लिए अच्छे लोगो को राजनीति में आने की जरूरत है । पानी की गहराई किनारे पर बैठ कर नहीं आँकी जा सकती है । अब तो राजनीति में शुद्ध आचार-विचार वाले व्यक्तियों को आना ही होगा ।
भारत स्वाभिमान दल राष्ट्र को एक सशक्त राजनीतिक विकल्प देने जा रहा हैं, जिसके लिए देश भर से हमें समर्पण निधि योजना के तहत हितचिंतक चाहिए, जो भारत स्वाभिमान दल को न्यूनतम 1100 से 11000 रुपये तक का आर्थिक अनुदान दे सके। समर्पण निधि के सहयोग दाताओं में से अथवा उनके सुझाव अनुसार ही प्रत्याशियों का चयन किया जायेगा।
सक्रीय राजनीति में उतरने के बाद "भारत स्वाभिमान दल जो घोषणा करेगा, वहीं कार्य करेगा", इसके लिए दल का चुनावी घोषणा पत्र भी नोटरी द्वारा प्रमाणित कराकर जारी किया जाएगा, ताकि अपने वचनों को पूरा न किये जाने की स्थिति में कोई भी भारतीय नागरिक भारत स्वाभिमान दल पर कोर्ट केस कर सकें। इसलिए अनावश्यक सोच विचार छोड़ कर छब्बीस सौ वर्षों की गलतियों को सुधारने के लिए भारत स्वाभिमान दल के हित चिंतक बनें, और व्यवस्था बदलें।
सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन, राजनैतिक शुचिता तथा भारत के पुर्नोत्थान के लिए अधिक से अधिक संख्या में तन- मन- धन के साथ संगठन से जुड़ें।
भारत स्वाभिमान दल आपका हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करता हैं।
पैसा
कमाया सिंध
में सिंधीयों
ने, 1947 में
जब धर्म
सुरक्षित न
रहा तो
सब छोड़कर
भागना पड़ा
सिंध से...
पैसा
कमाया कश्मीर
में पंडितों
ने, बाद
में केसर
के खेत
छोड़ कर
भागना पड़ा
कश्मीर से...
जूट व्यापारियों
ने खूब
पैसा बनाया
बंगाल में,
बाद में
मालूम पड़ा
की बंगाल
तो उधर
रह गया
ये तो
पूर्वी पाकिस्तान
(1971 से बांग्लादेश)
है तो
भागना पड़ा
बांग्लादेश से...
पैसा कमाओ अच्छी बात है लेकिन धर्म सुरक्षा में भी लगाओ...
वरना सारा कमाया छोड़ भागने को तैयार रहो...
धन से धर्म की रक्षा होती हैं। धन के बिना कोई भी संगठन धर्म की रक्षा नहीं कर सकता।
अत: धर्म रक्षा के लिए भी तन- मन के साथ धन का सहयोग भी करना चाहिए।
पैसा कमाओ अच्छी बात है लेकिन धर्म सुरक्षा में भी लगाओ...
वरना सारा कमाया छोड़ भागने को तैयार रहो...
धन से धर्म की रक्षा होती हैं। धन के बिना कोई भी संगठन धर्म की रक्षा नहीं कर सकता।
अत: धर्म रक्षा के लिए भी तन- मन के साथ धन का सहयोग भी करना चाहिए।
नोट :- दान व सहयोग कैसे करे
सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन, राजनैतिक शुचिता व राष्ट्र- धर्म रक्षा के लिए भारत स्वाभिमान दल की समर्पण निधि योजना में सहयोगी बनने के इच्छुक दानदाता बैंक ऑफ बड़ौदा की स्थानीय सी0बी0एस0 शाखा में पहुंचकर भारत स्वाभिमान दल
खाता संख्या A/C no :- 08840100020849
IFSC - BARB0FATEAS
Branch Code 0884
Branch Code 0884
(भारत स्वाभिमान दल, बैंक ऑफ बड़ौदा, फतेहगंज पूर्वी, बरेली, उत्तर प्रदेश)
के नाम अपना धन जमा कर उसकी जमा पर्ची व अपना नाम, आयु, पिता का नाम, शैक्षणिक योग्यता, पत्र व्यवहार का पता (पिन कोड सहित), व मोबाइल नम्बर हमें 08535004500 पर वाट्सएप्प कर दें। यदि आपका खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में नहीं हैं, तो आप श्री धर्म सिंह जी, राष्ट्रीय प्रभारी से 08535004500 पर सम्पर्क करें।
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