शुक्रवार, 7 जुलाई 2017

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा की शिकायत भाग- 1


यह लेख समर्पित है मेरे उन बंधु बाधवो को जो हिन्दू हित की आशा लेकर संघ की शाखाओ में जाकर "प्रभो शक्तिमन हिन्दू राष्ट्रांग भूता" व त्दीयाया कारायेय वधया कटिहम" गाते है..." ये लेख उनको इसलिए समर्पित है क्यकि संघ की शाखाओ से गुजरते हुए संघ प्रचारक व भाजपा नेता प्रचण्ड़ बहुमत के साथ सत्ता शीर्ष पर बैठ कर संघ वन्दना की किस प्रकार धज्जिया उड़ा रहे हैं... और वही संघ संचालक और तथाकथित संघ के हिन्दूवादी नेता या तो उनकी मुस्लिम परस्त हिन्दू घाती नीतियों का स्तुति गान कर रहे है, या मुँह में दही जमाए बैठे है ।यह सब निस्वार्थ स्वयंसेवको को अवश्य जानना चाहिये। क्योंकि जो जाति इतिहास से नहीं सिखती भविष्य उन्हें कभी क्षमा नहीं करता।
हिन्दूस्थानी धरा के कुछ भागो पर विदेशी मुसलमान आताताईयो ने अपनी सत्ता निःसंदेह बना ली थी जय चंदो और मीर जाफर जैसे की गद्दारी के कारण...हर मुसलमान शासक ने अपनी एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था भारत को दारूल हरब से दारूल हरम बनाने के लिए परन्तु वे कभी सफल नही हो सके ...कारण था हिन्दूस्थानी धरा के वीर सबूत कभी शिवा जी का रूप धारण कर, कभी वीर गोकुल सिंह, कभी सुहेलदेव तो कभी राणा प्रताप के नाम से तो कभी चेनम्मा, कभी दुर्गावती, कभी बाजीराव के नाम से तो  कभी बंदा बहादुर के रूप में इन विदेशी मुसलमान आतंककारियो की ताकत को अपनी तलवारो की धार का अनुभव कराते रहे ।
ये देश का सबसे बड़े दुर्भाग्यो मे से एक बड़ा दुर्भाग्य ये भी रहा कि गाँधी जैसा संदेहस्पद चरित्र और नेहरू जैसा लम्पट अय्याश जो ना राष्ट्र का अर्थ समझते थे ना राष्ट्रवाद का... इस देश के पिता और चाचा बन गये और हिन्दूस्थानी इनकी मक्कारी को देख व समझ कर भी इनके पीछे आन खड़े हुए जिसका परिणाम हिन्दू और हिन्दूस्थान आज भुगत रहा है वही ऐसी ही परिस्थितिया और वातावरण अंधभक्ति का आज भी बन चुका है जिसका परिणाम भुगतना बाकी है।
बाल पाल और लाल जैसे राष्ट्रभक्तो के नेतृत्व में कांग्रेस का लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रही थी...इसलिए अंग्रेजो द्वारा गांधी को " प्रचारित किया गया और इसी गांधी ने 1919 मे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम मे " खिलाफ आन्दोलन को घुसेड़ कर मुस्लिम तुष्टीकरण का बीज बोया वही कांग्रेस के राष्ट्रवादी नेताओं को ठिकाने लगाया...
गांधी की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति ने ही भारत के टुकड़े करवाकर " भारत की जमीन पर इस्लामी राष्ट्र पाकिस्तानी का झंडा फहरवा दिया ...जो काम बाहर, गजनवी, गौरी,औरंगजेब नही करवा पाए वो काम गाधी-नेहरू ने करवा दिया ।
गाधी-नेहरू द्वारा बोऐ गये मुस्लिम तुष्टीकरण के पौधे को काग्रेस के 65-70वर्षो के शासन और समस्त राजनीतिक दलो ने खाद पानी देकर वटवृक्ष बना दिया वही तुष्टीकरण के इस पौधे को जड़मूल से उखाड़ फेंकने को संकल्पित सच्चे हिन्दू नेता अपने ही दोगले-गद्दारो के विश्वासघात का शिकार होकर षड़यन्त्रों में उलझते चले गये।
कल तक गांधी - नेहरू की इसी मुस्लिम तुष्टीकरण की नीतियो के विरूद्ध संघ की शाखाओ से लेकर सड़को तक गला फाड़ते हुऐ संघ व भाजपा के नेता सत्ता में आकर आज " भारत मे इस्लामिक बैंक खुलवा भारत का आर्थिक इस्लामीकरण करवाने की शुरूआत करवा कर "मुस्लिम तुष्टिकरण का नया अल्लाह बनकर गांधी, नेहरू, इन्दिरा, राजीव, मनमोहन, अटल को पछाड़ रहे हैं। सत्ता से बाहर रहने पर संघ- भाजपा जिन प्रश्नों को उछालते है, उन्हें सत्ता में आकर न केवल छोड़ देते है, बल्कि कई बार ठीक विपरित कार्य भी करते है। यह तो कांग्रेस बिना कांग्रेसी शासन हुआ।
क्रमश: जारी.......
स्पष्टीकरण : चारों तरफ हुई निन्दा के बाद मोदी सरकार ने बाद में इस्लामिक बैंक के कार्य को स्थगित कर दिया है। यह इस लेख के लिखे जाने के बाद की बात हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें