शुक्रवार, 7 जुलाई 2017

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा की शिकायत भाग- 3


हिंदुओं पर अत्याचार होते ही संघी- भाजपाई लोग सोनिया गांधी, दिग्विजय सिंह, मुलायम सिंह, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, लालू प्रसाद यादव,अरविन्द केजरीवाल जैसे धर्मनिरपेक्ष नेताओं को कोसते हैं, उन्हें नपुंसक कहते हैं।
ऐसे लोगो को नपुंसक कहा जाना गलत हैं। अरे वो लोग तो शेर के बच्चे हैं, शेर के।
पक्ष में हों या विपक्ष में, सीना ठोक कर कहते हैं कि मुस्लिमों तुम्हारे लिए काम करेंगे, तुम्हारी हर सुख सुविधा का ध्यान रखेंगे, तुम्हारे लिए हिंदुओं को कुचल देंगे।
और अगले डंके की चोट पर खुलेआम अपना वादा निभाते हैं।
भले ही हमारे दुश्मन हैं पर बहादुर हैं और सनातन धर्म बहादुर शत्रु का भी हमेशा सम्मान करता है।
नपुंसक तो वो लोग तथा उनकी पार्टी है जो सत्ता में होते हुए भी कुछ नहीं कर सकते और बड़े बड़े बोल बोलने में कोई उनके आस पास भी नहीं फटक सकता।
कहेंगे हम पहाड़ तोड़ देंगे और उनसे मरती चींटी तक नहीं।
अब बताओ नपुंसक कौन ??
दण्डधारी गैंग व इसके अन्य संगठनों तथा भाजपा के हिंदुओं के तथाकथित रहनुमा धर्मद्रोही व गद्दार नेताओं, अब तुम देखो तुम घटिया लोग क्या करते हो ?
हिंदुओं की तथाकथित पार्टी बीजेपी और इसके गृहमंत्री हमारे कमलेश तिवारी को सिर्फ एक पंक्ति वो भी सच, बोलने पर ही रासुका लगाकर जेल में भेज देते हो। फिर हम हिन्दू तुमसे क्यों जुड़ें ?
जब तुम किसी कार्यकर्ता के गिरफ्तार होते ही उसे अपना आदमी मानने से ही इंकार कर देते हो।
हम हिन्दू क्यों जुड़ें तुमसे ? अकलाख की मौत पर उनकी पार्टी के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी व कुछ मुख्यमंत्री केजरीवाल आदि गए थे।
कर्नाटक के गौरक्षक प्रशांत पुजारी की हत्या पर बीजेपी के सबसे बड़े नेता मोदीजी, मुख्यमंत्री शिवराज चौहान या वसुंधरा राजे अथवा मोहन भागवत जी गए क्या ?
प्रशांत पुजारी जी के परिवार को कितने फ्लैट व पैसे दिए, कोई संघी दल्ला नेता बताएगा क्या ?
हिन्दू क्यों जुड़ें तुमसे ?
लालू प्रसाद यादव के पास थोड़ी सी राजनैतिक शक्ति आते ही उसने अपने आदमी सैय्यद शाहबुद्दीन को जेल से निकलवा लिया। जबकि उसे जघन्य अपराधो में उम्रकैद की सजा हैं।
तुम्हारी सरकार होते हुए भी हमारी प्रज्ञा ठाकुर बहन व कर्नल पुरोहित आदि बिना चार्जशीट के ही वर्षों से जेलों में बन्द हैं। हिन्दू क्यों जुड़ें तुमसे ?
उड़ीसा के दारा सिंह उम्रकैद काट रहे हैं, तुम उन्हें छुड़वा क्यों नहीं रहे ?
कसाब व अफजल गुरु आजाद होकर विदेशों में बस चुके हैं।
हिन्दू क्यों जुड़े तुमसे ?
वो इस्लामिक, बोद्ध व ईसाई मत प्रचारो को पूरी सुख सुविधायें देते हैं, और तुम विधर्मियों का शुद्धिकरण कर राष्ट्रीय एकता के कार्य में निस्वार्थ रूप से लगे रहने वाले हिन्दू जागरण मंच के नेता राजेश्वर सिंह को जबरन पद मुक्त कर घर भेज देते हो।
तुम्हारी सरकार होते हुए भी मीडिया सारा दिन हिंदुत्व का दुष्प्रचार करती है और तुम तथाकथित हिन्दू नेता सिर्फ एक फोन करके उन्हें मना नहीं कर सकते।
हिन्दू क्यों जुड़े तुमसे ?
गौ तस्कर मुस्लिम को सिर्फ कुछ 5-10 बेल्ट मारने पर शामली के बजरंग दल के संयोजक विवेक प्रेमी पर तुम्हारा ही केंद्रीय गृहमंत्री रासुका लगाकर उस बेचारे को महीनों से जेल में सड़ा रहा है।
हिन्दू क्यों जुड़ें तुमसे ?
तुम्हारे सैंकड़ों स्वयंसेवकों या छोटे पदाधिकारियों को मुस्लिम दर्दनाक मौत दे चुके हैं। तुमने सरकार होते हुए भी कब कार्यवाही की ? बताओ।
हमारे हजारों धनंजय देसाई, राजपुरोहित जेलों में सड़ रहे हैं और उनकी जेलों या थानों में उनकी आवभगत नहीं की जाती बल्कि उनको घण्टों तक इतनी बुरी तरह पीटा जाता है कि उन बेचारों की चीखें बाहर सड़क तक सुनाई देती हैं।
और ऐसे 5-7 उदाहरण नहीं, सैंकड़ों नहीं हजारों उदाहरण हैं।
लेकिन कमाल है फिर भी हिन्दू तुमसे जुड़ रहे हैं, बहुत बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं।
75% से अधिक हिन्दू तुम्हें वोट देकर, केंद्र में तुम्हारी पूर्ण बहुमत की सरकार बनवा देते हैं।
तुम्हारे लिए बेचारे फ्री में लाठी, गोली खाते हैं, केस लड़ते- लड़ते कंगाल हो जाते हैं, जेलों में सड़ते हैं और बाहर आकर फिर तुम्हारे पीछे चल देते हैं।
अरे बेशर्मों, ऐसे देवतुल्य हिन्दू समाज के तो तुम्हें चरण धोकर पीने चाहियें,
परन्तु धिक्कार है तुम संघी व दलाल बीजेपी नेताओं पर कि इतने वफादार, निस्वार्थ व देशभक्त हिन्दू समाज को तुम बेइज्जत करते हो, उन्हें गद्दार कहते हो, बिकाऊ कहते हो, उनके आचरण की खिल्ली उड़ाते हो , उन्हें ताने देते हो ....
वो भी उनकी सरकार से सिर्फ इतनी मांग पर कि भाई हम मुस्लिमों की वजह से बहुत परेशानी में हैं, अब अपनी सरकार भी है, कृपा हमारी मदद कीजिये;
देश के हर कोने में हमारी बहन बेटियों की इज्जत हर रोज मुस्लिम खराब कर रहे हैं, कृपा सख्ती दिखाइए व उन्हें बचाइये।
यदि घोड़े की टांग राष्ट्रीय खबर और चिंता बन जाती है लेकिन केरल-कर्नाटक में स्वयंसेवकों की निर्मम हत्याएँ सिरे से गायब हो जाती हैं तो इसका अर्थ यही है कि आप निकम्मे हैं... जब आपको मालूम है कि मीडिया "Presstitute" है और पिछले कई वर्ष से आपके खिलाफ ही है तो अब सत्ता में आने के बाद भी, सिर्फ उसे कोसने का काम कोई मूर्ख ही कर सकता है...
यदि आप में इतनी ताकत नहीं है कि आप मीडिया की बाँह मरोड़कर उसे देशहित की ख़बरें दिखाने के लिए मजबूर कर सकें, तो फिर ये सात-आठ राज्यों और केन्द्र में सरकारें क्या घास छीलने के लिए हैं??
खबरंडियाँ तो वेटिकन और सऊदी से पैसा खाकर "उनका काम" बखूबी कर रही हैं, लेकिन यदि पिछले दस-पन्द्रह वर्ष में आप अपने खुद के मीडिया चैनल या अखबार नहीं खड़े कर सके हैं, तो स्वाभाविक रूप से लानत आप पर ही है...
सोशल मीडिया और मोदी के भरोसे "एक बार" जादू चल गया है, बार-बार नहीं चलेगा... जगन रेड्डी और दयानिधि मारन जैसे लोगों तक का खुद का टीवी चैनल है... थोड़ा सोचिये इस पर, शर्म आती है कि नहीं??
क्रमश: जारी.......

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