सोमवार, 22 मई 2017

हिन्दव: सोदरा: सर्वे, न हिंदू पतितो भवेत्



जो समाज अपनी संस्कृति से कट जाता है उसका कभी भला नहीं हो सकता |

हमें पुन: अपनी मूल संस्कृति सच्चे अध्यात्म की ओर लौटना होगा, तभी सत्य सनातन वैदिक हिन्दू धर्म संस्कृति की रक्षा होगी तथा सच्चे ईश्वर की उपासना से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि मुक्ति की प्राप्ति होगी |

सच्चे ईश्वर की उपासना के लिए आवश्यक है कि हम जाति- वर्ण के मिथ्या बंधन तोड़कर धर्म के झंडे तले एक हो जायें |  

संसार में हम सब से श्रेष्ठ है लेकिन जाति- वर्ण- सम्प्रदाय ने हमारा सत्यानाश किया
हुआ है |  

आइये हम उन सभी दरारों को भर दे जो अपनों के स्वार्थ अज्ञानता और परायों के षड़यन्त्रों ने पैदा की है | हम भेदभाव और छूआछूत की दीवारें ढहा दे तथा संकल्प लें कि हम सब भारत माता की संताने है, हम सब एक है | हम सर्वप्रथम सनातनधर्मी हिंदू है, यही हमारा अस्मिता बोध है |

हिन्दव: सोदरा: सर्वे, हिंदू पतितो भवेत् |
मम दीक्षा धर्म रक्षा, मम मंत्र समानता ||

सब हिंदू भारत माता की संतान होने से सहोदर है | इसलिए कोई हिंदू पतित नहीं हो सकता हैहमने "समानता" का मंत्र लेकर "धर्मरक्षा" की दीक्षा ली है |||

|| जो बोले सो अभय सनातन धर्म की जय ||

 - विश्वजीत सिंह "अभिनव अनंत" 
 सनातन संस्कृति संघ/भारत स्वाभिमान दल

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