शुक्रवार, 7 जुलाई 2017

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा की शिकायत भाग- 5


स्वयंसेवक होने का मतलब बीजेपी के सत्ता प्राप्ति के लिए संघर्ष करना बलिदान देना नहीं है !
या स्वयंसेवको का एकमात्र विकल्प बीजेपी नहीं होना चाहिए , स्वयंसेवको को बसपा सपा जदयू राजद या कांग्रेस भी ज्वाइन करना चाहिए !
जैसे अन्य दलो से आये हिन्दू द्रोही, गौमांस भक्षी नेता बीजेपी में आते ही निर्मल ,राष्ट्रवादी हो जाते है ठीक वैसे ही अन्य दलों में स्वयंसेवको के जाने से अन्य पार्टिया भी राष्ट्रवादी हो जायेगी !
कुछ लोग जो अपने को हिन्दू राष्ट्रवादी कहते हैं,  मोदी जी को लेकर लिखी गई हमारी पोस्टों पर अनर्गल प्रलाप करते रहते हैं, हमें कहते है कि पिछले साठ वर्षो से चुप क्यों थे, क्यों नहीं कांग्रेस का विरोध किया ?
उन सब मित्रों, को हम बताना चाहेगे कि पिछले 60 वर्ष की तो आप ही बता सकते हो क्योंकि हमें अपने पूर्व जन्म की विस्तृत स्मृति नहीं है, हाँ इस जन्म का पता है, हमारे शरीर की वर्तमान आयु 32 वर्ष हैं, जिसमें से 18 वर्ष संघ कार्य करते हुए हो गये, अर्थात 14 वर्ष की आयु से हम हिन्दुत्व का कार्य कर रहे हैं । और जब से मतदान का अधिकार मिला है, वोट और सर्पोट भाजपा को ही करते आ रहे थे, पर अब नहीं। क्योंकि जब हमारा पी एम गौ मांस भक्षी रोहित बेमुला की याद में गला फाडकर रो सकता है, गौ रक्षको को गुण्डा बता सकता है, गौ रक्षको के विरूद्ध दिशा निर्देश जारी करा सकता है, भाजपा का गौ सेवा प्रकोष्ठ समाप्त करा सकता है, सपा, बसपा, आप, कांग्रेस, राजद के जिहादी गौ मांस भक्षी नेताओं को भाजपा में ला सकता है, गांधी और अम्बेडकर को महान बता सकता हैं, तो भाजपा और कांग्रेस में अन्तर क्या रहा ?
कुछ लोग कहते है कि धैर्य रखें, आपमें धैर्य की कमी है। भाईयों यदि धैर्य की कमी होती तो भाजपा का विरोध हम अब नहीं बल्कि अटल सरकार के समय से कर रहे होते, जब अटल सरकार ने हिन्दू समाज से किये अपने वचनों को तौड़कर विश्वासघात किया था, मांस निर्यात व्याप्त स्तर पर चालू किया था, अरबी भाषा को प्रोत्साहित किया था और संविधान में संशोधन कर समाप्त हो रहे आरक्षण के रोग की समय अवधि को आगे बढ़ाया था, और भी बहुत कुछ हिन्दू विरोधी कार्य किये थे, पर हम शान्त रहें क्योंकि हमें पता था कि अटल जी की सरकार अल्पमत की है, बैशाखी का सहारा है, सक्ता का स्वार्थ छोड़कर हिन्दू हित में ठोस निर्णय लेने का साहस अटल में नहीं था, अन्यथा अगली बार अटल की पूर्ण बहुमत की सरकार बनती।
क्रमश: जारी.......

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