शुक्रवार, 7 जुलाई 2017

सहारनपुर के बवाली ज्यादातर अम्बेडकरवादी बौद्ध, नक्सली,व मुसलमान


एक हिन्दू वाल्मीकि भाई ने बताया कि जिस सहारनपुर बवाल को मीडिया दलित राजपूत दंगे का नाम दे रही हैं, उससे अन्य दलित जातियों वाल्मीकि, धोबी, पासी आदि का कोई लेना देना नहीं है ...
यहां तक की बहुसंख्यक स्थानीय हरिजन भाई भी इससे दूर है,
सहारनपुर के बवाली ज्यादातर बाहर से लाए गए अम्बेडकरवादी बौद्ध व नक्सली हैं, इनमें कई मुसलमान भी है ...
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वास्तव में भीम आर्मी संगठन अम्बेडकरवादियों, वामपंथियो, मुल्लाओं और कुछ भटके हुए बौद्ध युवाओं का गिरोह हैं , और हिन्दू समाज के दलित व पिछड़ी जातियों का इस भीम आर्मी से कोई लेना देना नहीं है .....
ये लोग अक्सर जातीय चिंगारी भडकाने के नित नए बहाने ढूंढते रहते हैं और बौद्धों खासकर अम्बेडकरवादियों की भावनाएं भड़के इसके लिए कई बार ये खुद ही गुपचुप भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को भी खंडित कर देते हैं ..
इनको कवरअप मिलता हैं national dastak, scroll, wire जैसे न्यूज़ पोर्टल से जो अक्सर अफवाहें अधूरी खबरें फैलाकर युवा बौद्धों को भडकाने का काम करते है ...
इन साइटो के लेखक और फायनेंसर ज्यादातर मुसलमान और वामपंथी ही होते है ...
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और ये जहर फैलाने का काम सिर्फ एक समाज में नही बल्कि कई जातियों में हो रहा है..
हिन्दू समाज की दलित जातियों में अम्बेडकरवाद का जहर भरने के लिए बसपा, भाजपा जैसी पार्टियाँ फण्ड देती हैं,
जाटों मे जहर भरने के लिये यूनियनस्ट मिशन काम पर लगा है, तो पटेलो मे आग लगवाने का काम हार्दिक पटेल कर ही चुका है ...
आगे राजपूतों, ब्राह्मणों आदि को उकसाने के लिये उनके बीच से कोई मोहरा खड़ा किया जाएगा और इसकी शुरुआत भी सोशल मीडिया पर हो चुकी हैं, उन ब्राह्मण, राजपूत महासभाओं के पेजो से जो आरक्षण के नाम पर सभी दलितों को गाली देने व उन्हें अयोग्य ठहराने में रात दिन लगे रहते है ...
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कभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता मोहन भागवत आरक्षण पर पुनर्विचार करने की बात करता हैं, तो कभी संघ के प्रचारक रहे वरिष्ठ भाजपा नेता व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी आरक्षण बचाने के लिए जान दे देने की बात करते हैं।
चलो दोस्तों ये बहुत बड़ा डिजाइन हैं हमारी एकता को तोड़ हमें आपस मे भिडवाने का ..इसलिए थोड़ा संयम से काम ले, जोश में एक दूसरे की जाती को गालियाँ न दें, कुछ लोगों के पीछे उनके पूरे समाज को ताना न मारे, वरना धीरे धीरे भड़कती ये चिंगारी देश को अघोषित गृह युद्ध की तरफ धकेल देगी...
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इसलिए ये जो जातियों के नाम पर विभिन्न सेनाए और महासभाए हमने बना रखी है, इनको चलाने वालों पर नज़र रखे और जातीय अस्मिता के नाम पर भावुक होकर खुद को इनके राजनीतिक एजेंडे का शिकार न होने दें!
-विश्वजीत सिंह"अभिनव अनंत"
राष्ट्रीय अध्यक्ष
भारत स्वाभिमान दल

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