मंगलवार, 3 अक्तूबर 2017

गांधी के झूठ की कथा भाग- चार




5.कहा जाता है कि गांधी दक्षिण अफ्रीका पैसा कमाने और प्रसिद्धि के लिये गये थे। दक्षिण अफ्रीका जाने से पहले उन्होंने अपना भाग्य अजमाया था लेकिन वकालत में सफल नहीं हो पाये। उन्होंने अब्दुलाह एंड कं0 का प्रतिनिधित्व किया जो अवैध व्यापार में शामिल था। गांधी ने भारी भरकम फीस वसूली।

6. द्वितीय विश्व युद्ध मे गाँधी ने भारतीय सैनिको को ब्रिटेन का लिए हथियार उठा कर लड़ने के लिए प्रेरित किया , जबकि वो हमेशा अहिंसा का ढोल बजाते है

7. अमृतसर के जलियाँवाला बाग़ गोली काण्ड (1919) से समस्त देशवासी आक्रोश में थे तथा चाहते थे कि इस नरसंहार के खलनायक जनरल डायर पर अभियोग चलाया जाए। गाँधी ने भारतवासियों के इस आग्रह को समर्थन देने से मना कर दिया था , कारण ऐसा नराधम नीच जनरल डायर को दंड देने में भी गांधी को हिंसा की बू आती थी

 8.जलियाँवाला बाग हत्याकांड के लिए जिम्मेदार गवर्न माइकेल- ओड- वायर की हुतात्मा सरदार ऊधमसिंह द्वारा हत्या किये जाने पर गाँधी की प्रतिक्रिया थी -'' मेरी तरह हर भारतीय को इस हत्या पर लज्जा अनुभव करनी चाहिए और उसे इस बात की खुशी होनी चाहिए कि अन्य तीन प्रतिष्ठित अंग्रेजो की जान बच गयी।  
    
9.16 दिसम्बर 1895 को दक्षिण अफ्रीका के प्रत्येक अंग्रेज के नाम अपील में गाँधी ने कहा - '' यह सच हैं कि इंग्लेंड भारत पर राज कर रहा हैं परन्तु इस कि वजह से भारतीयों को कोई शर्म नही हैं..बल्कि उन्हें गर्व हैं कि वे ब्रिटिश राजमुकुट की छत्रछाया में हैं क्योकि वे मानते हैं कि इंग्लेंड ही उनका मुक्तिदाता होगा ''



10.जब प्रथम विश्वयुद्ध ( 1914 – 1918 ) के दौरान भारतीय सैनिकोँ ने हजारोँ जर्मनोँ को मौत के घाट उतारा तो क्या गांधीजी ने हिँसा का पक्ष नहीँ लाया था ? परन्तु शायद वह हिँसा इसलिए नहीँ थी , क्योँकि वे सैनिक अंग्रेजोँ की सेना मेँ जर्मनोँ को मारने के लिए उन्होँने भर्ती कराये थे विश्वयुद्ध के दौरान गांधीजी ने वायसराय चेम्स फोर्ड को एक पत्र भी लिखा था पत्र मेँ उन्होँने लिखा थामैँ इस निर्णायक क्षण पर भारत द्वारा उसके शारीरिक रूप से स्वस्थ पुत्रोँ को अंग्रेजी साम्राज्य पर बलिदान होने के रूप मेँ प्रस्तुत किये जाने के लिए कहूँगा
- विश्वजीत सिंह अभिनव अनंत
राष्ट्रीय अध्यक्ष
भारत स्वाभिमान दल

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