गुरुवार, 5 अक्तूबर 2017

गांधी के झूठ की कथा भाग- आठ


23.लोकमान्य तिलक के प्रभाव को हल्का करने के लिए और कांग्रेस पर कब्जे के लिए कट्टर पंथी मुस्लिमों के साथ 'खिलाफत असहयोग आन्दोलन 'चलाया और 'सेक्युलरिज्म'की नयी परिभाषा गढ़ी गयी गांधी द्वारा!

24.मोहम्मद अली जिन्ना आदि राष्ट्रवादी नेताओं के विरोध को अनदेखा करते हुए 1921 में गाँधी ने खिलाफ़त आन्दोलन को समर्थन देने की घोषणा की। तो भी केरल के मोपला में मुसलमानों द्वारा वहाँ के हिन्दुओं की मारकाट की जिसमें लगभग 1500 हिन्दु मारे गए 2000 से अधिक को मुसलमान बना लिया गया। गाँधी ने इस हिंसा का विरोध नहीं किया, वरन् खुदा के बहादुर बन्दों की बहादुरी के रूप में वर्णन किया।

25.1926 में आर्य समाज द्वारा चलाए गए शुद्धि आन्दोलन में लगे महान देशभक्त एवं क्रांतिकारी स्वामी श्रद्धानंद की हत्या की हत्या अब्दुल रशीद नामक एक मुस्लिम युवक ने कर दी, इसकी प्रतिक्रियास्वरूप गाँधी ने अब्दुल रशीद को अपना भाई कह कर उसके इस कृत्य को उचित ठहराया शुद्धि आन्दोलन को अनर्गल राष्ट्र-विरोधी तथा हिन्दु-मुस्लिम एकता के लिए अहितकारी घोषित किया। स्वामी श्रद्धानंद राजपाल की हत्या में गांधी की भूमिका संदेहस्पद हैं।

26. मिस्टर गांधी ने केरल के मोपल्ला में हिन्दू नरसंहार के हत्यारों कोधर्मनिष्ठसंबोधित किया था

27. अली बंधूओ ने जब अफगानिस्तान के आमीर(राजा) को भारत पर हमला करने को कहा तब गाँधी ने पूरी सहमति दी ये कह के जैसे हम मुगलो के प्रति वफादार रहे हैं आपके प्रति भी रहेंगे

- विश्वजीत सिंह अभिनव अनंत
राष्ट्रीय अध्यक्ष
भारत स्वाभिमान दल

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