सोमवार, 2 अक्तूबर 2017

स्वतंत्रता संग्राम के सत्य को अभिव्यक्त करता एक व्यंग

एक नेता जी की बीवी का बलात्कार हो रहा था तो वो नेता जी भागकर अंदर गए और चरखा उठा लाये और चलाने लगे
बीवी को गुस्सा आया और वो चिल्लाई
तुम पागल हो क्या ये गुंडा मेरा बलात्कार (rape) कर रहा है और तुम चरखा चला रहे हो???
तो पति बोला चरखे से तो अंग्रेज भाग गए फिर ये किस खेत की मूली है ये भी भाग जाएगा
ये कहकर नेता जी चरखा और जोर से चलाने लगे
जब तक वो गुंडा उस नारी के साथ और ज्यादा बदतमीजी करता रहा
बीवी रोती हुई गुस्से में पति से बोली छोडो ये चरखा और कृपया मुझे बचाओ
ये सुनकर पति ने चरखा बराबर में पटका और
उठकर बलात्कारी के निकट गया और पूरी विनम्रता से बोला
मेरी पत्नी को छोड़ दीजिये
इतना सुनते ही उस गुंडे ने पति के एक खेंचके झाँपट मार दिया
तो पति ने दूसरा गाल आगे कर दिया और फिर बोला कृपया मेरी बीवी को छोड़ दीजिये
उस गुंडे ने दूसरे गाल पे भी एक कसके झाँपट मार दिया
पति बेहोश हो गया
इतने में एक भगत सिंह नाम का वीर वंहा से गुजरा उसने जब चीख पुकार सुनी तो वो अंदर गया और उस महिला को बचाने के लिए गुंडे से भिड़ गया और आखिर में उस गुंडे को भगा दिया
उस औरत ने भगत सिंह को धन्यवाद दिया और वो शेर चुपचाप वंहा से निकल पाता
उससे पहले ही
शोर सुनकर पुलिस वंहा पहुंची तो पत्नी ने सारा क्रेडिट अपने पति को दे दिया और दोनों लाल गाल बहादुरी के सबूत के आधार पे पति ने दिखा दिए
पुलिस ने उस पति को वीरता चक्र दिया
और भगत सिंह को पकड़ के गुंडा गर्दी करने के आरोप में जेल में डाल दिया
नोट:-इस घटना का इतिहास से कोई लेना देना नहीं हैं।

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