सोमवार, 22 मई 2017

वामपंथी प्रोफेसर और मौलाना साहब के साथ हुई घोर असहष्णु वार्तालाप; आखिर सच्चा मुसलमान कौन, कुरान को फॉलो करने वाला या कुरान ना फॉलो करने वाला -2

वामपंथी प्रोफेसर और मौलाना साहब के साथ हुई घोर असहष्णु वार्तालाप;
आखिर सच्चा मुसलमान कौन, कुरान को फॉलो करने वाला या कुरान ना फॉलो करने वाला -2


सो मैंने साइड में बैठे हुए लोगों से कहा की भाइयों आजतक वामपंथ ने भारत को क्या क्या दिया है वो प्रोफेसर साहब नहीं बता रहे तो मैं आपको बताता हूँ,

तो सुनों :-

1. वामपंथियों ने भारत की आज़ादी के महानायक सुभाष चन्द्र बोस को जापान में आज़ाद हिन्द फ़ौज की पुनर्स्थापना करने और जापानी प्रधानमंत्री तोजो से अँग्रेजो के विरुद्ध लड़ने के लिए सहायता लेने पर सुभाष चंद्र बोस को  " तोजो का कुत्ता" कहा था। क्योंकि वामपंथी हमेशा अंग्रेजों के साथ थे।

2. भारत की आज़ादी से पहले वामपंथ ने मुस्लिम लीग का समर्थन किया और लाखों मासूम हिन्दुओँ को जिनमें 80% से ज़्यादा दलित थे " नोआखाली" जैसी आग में झोंक दिया।

3.भारत और चीन के बीच हुए युद्ध में वामपंथियों ने चीन का साथ दिया और भारत के साथ गद्दारी की।

उसके बाद वामपंथियों ने ग़रीब किसानों और आदिवासियों को पूँजीवाद के नाम पर भड़का कर नक्सली बनाया, आज नक्सलवाद के नाम पर हजारों सैनिकों और आदिवासियों के ख़ून का जिम्मेदार वामपंथ ही है।

 4.वामपंथ के गढ़ JNU में वर्ष 2000 के मुशायरे में सम्मलित होने वाले दो फ़ौज़ी अफ़सरों को जो कारगिल युद्घ के हीरो थे को अपमानित किया, उस मुशायरे में एक पाकिस्तानी शायर ने भारत का मज़ाक उड़ाते हुए कुछ शायरियाँ की जिसका उन फ़ौजी अफसरों ने विरोध किया तो उन्हें वामपंथियो द्वारा इतना मारा गया  की उन दोनों कारगिल के हीरो को हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ा।

फिर उसी JNU में वहीं 26 जनवरी, 2015 कोइंटरनेशनल फूड फेस्टिवलके बहाने वामपंथियों ने कश्मीर को अलग देश दिखाकर उसका अलग स्टाल लगाया।

5. प्रोफेसर साहब याद करो जब 10 अप्रैल, 2010 को जब पूरा देश छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलिओं के गोलियों से शहीद हुए 76 CRPF जवानों के गम में रो रहा था, उसी समय आपके वामपंथी गढ़ जेएनयू में उन सैनिकों की मौत पर जश्न मनाया जा रहा था।  छत्तीसगढ़, झारखण्ड सहित कुछ राज्यों के नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए "ऑपरेशन ग्रीन हंट" नामक अभियान का विरोध आपके वामपंथी छात्रों ने पर्चे और पब्लिक मीटिंग के जरिए किया।

6.यही नहीं आपके वामपंथी गढ़ में 30 मार्च, 2011 और 2015 में को भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट विश्वकप के मैच में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए और भारत का समर्थन कर रहे छात्रों पर हमले किये गए। आपके गढ़ में आजकल पाकिस्तान प्रेम कुछ ज़्यादा ही है कह्नैया कुमार, उमर ख़ालिद जैसे आपके स्टूडेंट भारत में रहकर पाकिस्तान जिंदाबाद, भारत की बर्बादी तक जँग रहेगी के नारे लगातें हैं और आप ख़ुश होते हो।

7. प्रोफेसर साहब शायद आपको याद होगा की 2014 से पहले तक जेएनयू के कैंपस में इजरायल के किसी व्यक्ति यहां तक कि राजदूत तक का घुसना भी प्रतिबंधित हुआ करता था।

8.प्रोफेसर जी वामपंथ के मुँह से नारी सशक्तिकरण की बात बहुत बेमानी लगती है, ऐसा लगता है जैसे बलात्कारी अफ़रोज़ दामिनी के हक़ में लड़ाई लड़ रहा हो, आप जानते हो हम हिन्दुओं के अनुसार माँ दुर्गा नारी शक्ति आराध्य हैं लेकिन शायद आपको याद होगा की आपके वामपंथी गढ़ जेएनयू में नवरात्रि के दौरान क्या हुआ था। जब पूरा देश माँ दुर्गा की आराधना कर रहा था तब माँ दुर्गा का अपमान करने वाले पर्चे, पोस्टर जारी किये, वामपंथियो ने माँ दुर्गा को केवल वेश्या कहा बल्कि महिषासुर को महिमामंडित कर महिषासुर शहादत दिवस का आयोजन किया।

अब मेरा समर्थन बड़ चूका था अब लोग मेरी तरफ़ से बोलने लगे, अब उन्हें उनका पक्षधर मिल चूका था लेकिन अब वामपंथी प्रोफेसर एकदम चुप हो चुके थे।

अब मैंने प्रोफेसर साहब से कहा सर सच्चा इतिहास बताइये लोगों को आप हिस्ट्री के प्रोफेसर हैं आपसे बेहतर इतिहास मैं नही जानता, आप जानते होँगे भारत पाकिस्तान विभाजन के समय  "जोगेन्द्र नाथ मण्डल" नाम के वामपंथी नेता थे जिनके कहने पर 40 लाख से ज़्यादा हिन्दुओं ने पाकिस्तान का समर्थन किया था जिन हिन्दुओं में 90% से ज़्यादा दलित थे लेकिन पाकिस्तान विभाजन के बाद पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान में शरीयत कानून लागु करने के लिए और क़ुरान की आयतों को सच शाबित करने के लिए मात्र 5 साल में 30 लाख मुशरिकों ( हिन्दुओं ) का क़त्ल कर दिया गया जिसमें नोआखाली भी एक था , जो मात्र धार्मिक आधार पर हुए कत्लों में हिटलर द्वारा 60 लाख यहूदियों के बाद दूसरे स्थान पर है।

अब मैंने मौलाना साहब और प्रोफेसर साहब से पूछा की आप ये बताओ की उन 30 लाख हिन्दुओं की मौत का जिम्मेदार कौन है, जोगेन्द्र नाथ मण्डल या मुसलमान या क़ुरान?

अब दोनों के चेहरों पर सन्नाटा छाया हुआ था, तभी मौलाना का लड़का बोलता है की "आप मुसलमानों से चिढ़ते हो, हिन्दुओं ने मुसलमानों पर कितना अत्याचार किया वो आपको नहीं दिखायी देता,
 हिन्दुओं ने बाबरी मस्जिद तोड़ दी"

अब मैंने कहा की महोदय आपको पता है "बाबरी मस्जिद से पहले वहाँ राम मंदिर था, जिसे तोड़कर बाबरी मस्ज़िद बनाई गयी, कोर्ट में वो केस चल रहा है सारे प्रूफ़ मिल चूकें हैं की वहाँ राम मंदिर था। बाबरी ढांचे को कोर्ट ने भी माना की यह प्रभु राम का जन्मस्थान था जिसे तोड़ मुग़ल बाबर ने मस्जिद बनाई थी।

फिर मौलाना का लड़का जम्प मारते हुए बोलता है की वहाँ मंदिर नहीं था हमने तो जन्म से वहाँ बाबरी मस्जिद ही देखी, आपके कहने से वहाँ राम मंदिर थोड़े ही हो जायेगा।

अब मैने भी कहा महोदय "आपने देखे तो अपने अब्बु के दादा जी भी नहीं थे तो आपके नहीं देखने से उनका अस्तित्व ख़त्म नहीं जाता। क्यों हो तो उन्ही की पैदाइस या नहीं देखने से नाजायज़ हो गए, आपके देखने नहीं देखने से क्या फ़र्क पड़ता है।

वैसे आपको बता दूँ आपके पैगम्बर वाले मक्का-मदीना में खादिजा, आयेशा, हुसैन, अबू बकर सहित कई साहिबा -इमामों और खलीफाओं के कब्र-मस्जिदें तोड़कर  होटल और पब्लिक टॉयलेट बना दी गयी हैं और सुनो यहाँ तक की आपके पैगम्बर का घर जिसमें मोहम्मद का जन्म हुआ उसे भी सऊदी सरकार ने ध्वस्त कर दिया।

ज़नाब आप हज जाते हो तो वहाँ भी तो मुँह खोलों।

आप सभी हिन्दुओं का मज़ाक उड़ाते हुए बोल रहे थे की पोंगा पंडित और ढोंगी हिन्दू बाबा गाय का मूत्र पीते हैं तो आपको बता दूँ की

सहीह-अल-बुख़ारी 8:82:794 में कहा गया है की
"उक्ल नाम के कबीले के कुछ लोग पैगंबर के पास आए और इस्लाम कबूल किया, मदिने का मौसम उन्हे नहीं भाया और वे बीमार पड़ गये, तो पैगंबर ने फरमाया की जाओ और जो यहा पे हमारे उंटों का झुंड है, उनका दूध और मूत्र पीओ"

अब मैं वैज्ञानिक आधार पर बताऊँ तो गाय का दूध और मूत्र ऊँट के दूध और मूत्र से बहुत ज़्यादा गुणकारी होता है।
  
अब मैने प्रोफेसर से कहा सर आप कह रहे थे की मुसलमानों में औरतोँ का हिन्दुओं के कंपेयर में बहुत सम्मान है, अब मौलाना साहब तो बताएँगे नहीं तो मैं ही बता देता हूँ की

कुरान (सूरा अल बकरा 2:223) में खुद अल्लहा ने औरत को "खेती" कहते हुए मुसलमानो को मनमर्ज़ी जोतने और बीज बोने का अधिकार दिया।

इसी क़ुरान के अनुसार औरत का बलात्कार होने की स्थिति में 4 गवाह लाने पड़ते हैं जो मर्द हो नही तो 8 औरतोँ की गवाही माँगी जाती है अन्यथा उस बलात्कार की पीड़ित में कोड़े मारने के आदेश होता है। अब ये देख लीजिये क़ुरान अन-निसा (An-Nisa'):15 - तुम्हारी स्त्रियों में से जो व्यभिचार कर बैठे, उनपर अपने में से चार आदमियों की गवाही लो, फिर यदि वे गवाही दे दें तो उन्हें घरों में बन्द रखो, यहाँ तक कि उनकी मृत्यु जाए या अल्लाह उनके लिए कोई रास्ता निकाल दे।

मौलाना साहब आप जानते ही होँगे की पिछले साल सऊदी के ईमाम ने फ़तवा लगाया था जिसमें इन केस ऑफ़ इमरजेंसी पति और पत्नी को काटकर खा सकता है, और कुछ दिनों पहले एक फ़तवा लगा था की जब अपनी ही बेटी 09 साल से बड़ी हो जाये तो उसे "पिता उसे कामुक नज़र से देख सकता है"

अभी कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश में एक पिता ने अपने बेटे की बहु से सैक्स किया जिसके चलते कुछ मौलानाओं ने क़ुरान का हवाला देते हुए जैसे मोह्हमद ने ज़ैद की बीबी ज़ैनब को अपनी मिल्कियत में रखा और उसे अपनी बीबी बनाया ठीक उसी तरह उत्तर प्रदेश् में भी पत्नी को पति की माँ बना दिया।

अब मैंने मौलाना साहब से पूछा सर थोड़ा सा हलाला के बारे में सभी यात्रियों को ज्ञान दीजिए  अब मौलाना साहब आग बबूले हुए बेठे थे ग़ुस्से में कुछ नही बोले अब मैंने अपने साइड में बैठे हुए अंकल से कहा की "हलाला" की प्रोसेस में यदि पति 3 बार तलाक़ दे दे तो पत्नी को ग़ैरमर्द से निक़ाह करना पड़ेगा और शारीरिक सम्बन्ध भी बनाने पड़ेंगे फिर जब वह गैर मर्द तलाक़ दे तब ही वो औरत अपने पहले आदमी से निकाह कर सकती है।

अब मौलाना साहब ग़ुस्से में बोले तुम कुछ नही जानते हो क़ुरान के बारे में तुम ऐसे ही अनाप सनाप झूँठी बातेँ बताते जा रहे हो, अब मैंने कहा मौलाना साहब अगर क़ुरान और हदीसें सच हैं तो वास्तव में इस्लाम खतरें में हैं क्योंकि

अबू दाऊद-जिल्द 3 किताब 40 :- "अबू हुरैरा ने कहा कि,रसूल ने कहा था कि यहूदी और ईसाई तो 72 फिरकों में बँट जायेंगे ,लेकिन मेरी उम्मत 73 फिरकों में बँट जाएगी ,और सब आपस में युद्ध करेंगें और मुसलमानों में ऐसी फूट पड़ जाएगी कि वे एक दुसरे की हत्याएं करेंगे ." !

बुखारी -जिल्द 3 किताब 30 के अनुसार :- "अबू हुरैरा ने कहा की ,रसूल ने कहा कि,निश्चय ही एक दिन इस्लाम सारे विश्व से निकल कर कर मदीना में सिमट जायेगा .जैसे एक सांप घूमफिर कर वापिस अपने बिल में घुस जाता है ' नबी करीम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने तीसरी दफ़ा इरशाद फ़रमाया अरब के नज्द में ज़लज़ले और फि़त्ने होंगे और वहां से ही शैतान का सींग तुलू (जन्म) होगा जो इस्लाम को निगल जायेगा

अब मौलाना का लड़का बोलता है आप मुसलमानों से चिढ़ते हो, मैंने भी कहा भाई जब कोई कौम आतंकवादी याक़ूब और अफ़जल के जनाज़ो में लाखों में इक्कठी होगी और अब्दुल कलाम जी के जनाज़े में नहीं जायेगी तो उस कौम पर भरोषा कैसे किया जाये,

आप चाहते हो की हम मुसलमानों को सिर आँखों पर बताएँ तो बनिए अब्दुल कलाम, अश्फाक उल्ला खान या बनिए संत रसखान, रहीम की तरह तो देखिये हम आपको कितना सम्मान देते हैं, लेकिन याक़ूब और अफ़जल को फॉलो करोगे तो आपको शक की निगाह से ही देखा जायेगा।

तब तक हमारी ट्रेन इटारसी स्टेशन पर पहुँच चुकी थी मैं स्टेशन पर फ्रूट्स खरीदने के लिए उतरा, फिर जब ट्रेन चलने लगी और मैं ट्रेन में चढ़ा तो देखा मौलाना साहब अपनी फैमिली के साथ स्टेशन पर खड़े हैं, मैंने प्रोफेसर से पूछा सर मौलाना साहब कहाँ गये तो साइड में बैठे हुए अंकल बोलते हैं की भाई आज मौलाना साहब का इस्लाम खतरें में गया था सो ये कह कर उतर गए की कोई दूसरी ट्रेन पकड़ कर मुम्बई चले जाएंगे।

अब प्रोफेसर साहब अपना कम्बल ओढ़ कर लेट गए लेकिन गोआ तक उन्होंने अपना मुँह नहीं खोला।

दोस्तों मैं इस घटना को आप सभी के साथ इसलिए शेयर कर रहा हूँ क्योंकि आज तक आपने देखा होगा ये वामपंथी, मुस्लिम, ईसाई हमारा हर जगह चाहे कॉलेज हों या स्कूलों या सभाओं या सेमिनारों या ट्रेनों या बसों में हिंदुओं और हमारे भगवानों का मज़ाक उड़ाते मिलते हैं लेकिन हमारे ज्ञान और कॉन्फिडेंस की कमी के कारण हम इनका ज़वाब नही दे पाते।
 आप सभी एक बात याद रखो  " आपको किसी विषय का कितना नॉलेज है यह मैटर नहीं करता, मैटर करता है की आप अपने उस नॉलेज को कितने कॉन्फिडेंस के साथ प्रोजेक्ट कर रहे हो, सामने वाला आपके कॉन्फिडेंस को देखकर ही संशय में जाता है और हिम्मत हार जाता है.

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