सोमवार, 22 मई 2017

इस्लामिक हदीसे इस बारे में क्या कहती है ? और क्या किसी मुसलमान ने इस्लाम छोड़कर मानवता का पथ अपनाया है ?



प्रश्न- इस्लामिक हदीसे इस बारे में क्या कहती है ? और क्या किसी मुसलमान ने इस्लाम छोड़कर मानवता का पथ अपनाया है ?
उत्तर- सत्य का साक्षात्कार करने वाले बहुत सारे व्यक्तियों ने इस्लाम को छोडकर सनातन हिन्दू धर्म अपनाया है, इनमें औरंगजेब की बेटी जैबुन्निसा बेगम और भतीजी ताज बेगम महान कृष्ण भक्त हुई हैं, उनके अलावा रसखान, रहीम, सदना कसाई, हरिहर और बुक्का प्रमुख है | उन्होने कुरान हदीसे पढ़ी तो उनका मन वितृष्णा से भर गया उन्होंने जब पढ़ा कि :
 

1 -गैर मुसलमानों पर रौब डालो ,और उनके सर काट डालो.
काफिरों पर हमेशा रौब डालते रहो .और मौक़ा मिलकर सर काट दो .सूरा अनफाल -8 :112
 

2 -काफिरों को फिरौती लेकर छोड़ दो या क़त्ल कर दो.
"
अगर काफिरों से मुकाबला हो, तो उनकी गर्दनें काट देना, उन्हें बुरी तरह कुचल देना. फिर उनको बंधन में जकड लेना. यदि वह फिरौती दे दें तो उनपर अहसान दिखाना, ताकि वह फिर हथियार उठा सकें. सूरा मुहम्मद -47 :14


3 -गैर मुसलमानों को घात लगा कर धोखे से मार डालना.
'
मुशरिक जहां भी मिलें, उनको क़त्ल कर देना, उनकी घात में चुप कर बैठे रहना. जब तक वह मुसलमान नहीं होते सूरा तौबा -9 :5
 

4 -हरदम लड़ाई की तैयारी में लगे रहो .
"
तुम हमेशा अपनी संख्या और ताकत इकट्ठी करते रहो. ताकि लोग तुमसे भयभीत रहें. जिनके बारे में तुम नहीं जानते समझ लो वह भी तुम्हारे दुश्मन ही हैं. अल्लाह की राह में तुम जो भी खर्च करोगे उसका बदला जरुर मिलेगा. सूरा अन फाल-8 :60
 

5 -लूट का माल हलाल समझ कर खाओ.
"
तुम्हें जो भी लूट में माले -गनीमत मिले उसे हलाल समझ कर खाओ, और अपने परिवार को खिलाओसूरा अन फाल-8 :69
 

6 -छोटी बच्ची से भी शादी कर लो.
"
अगर तुम्हें कोई ऎसी स्त्री नहीं मिले जो मासिक से निवृत्त हो चुकी हो, तो ऎसी बालिका से शादी कर लो जो अभी छोटी हो और अबतक रजस्वला नही हो. सूरा अत तलाक -65 :4
 

7 -जो भी औरत कब्जे में आये उससे सम्भोग कर लो.
"
जो लौंडी तुम्हारे कब्जे या हिस्से में आये उस से सम्भोग कर लो. यह तुम्हारे लिए वैध है. जिनको तुमने माल देकर खरीदा है, उनके साथ जीवन का आनंद उठाओ. इस से तुम पर कोई गुनाह नहीं होगासूरा अन निसा -4 colonthree इमोटिकॉन और 4 :24
 

8 -जिसको अपनी माँ मानते हो, उस से भी शादी कर लो.
"
इनको तुम अपनी माँ मानते हो, उन से भी शादी कर सकते हो. मान तो वह हैं जिन्होंने तुम्हें जन्म दिया. सूरा अल मुजादिला 58 :2
 

9 -पकड़ी गई, लूटी गयीं मजबूर लौंडियाँ तुम्हारे लिए हलाल हैं.
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हमने तुम्हारे लिए वह वह औरते -लौंडियाँ हलाल कर दी हैं, जिनको अल्लाह ने तुम्हें लूट में दिया होसूरा अल अह्जाब -33 :50
 

10 -बलात्कार की पीड़ित महिला पहले चार गवाह लाये.
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यदि पीड़ित औरत अपने पक्ष में चार गवाह ला सके तो वह अल्लाह की नजर में झूठ होगासूरा अन नूर -     24 :१३
 

11 -लूट में मिले माल में पांचवां हिस्सा मुहम्मद का होगा.
"
तुम्हें लूट में जो भी माले गनीमत मिले, उसमें पांचवां हिस्सा रसूल का होगा. सूरा अन फाल- 8 :40
 

12 -इतनी लड़ाई करो कि दुनिया में सिर्फ इस्लाम ही बाकी रहे.
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यहांतक लड़ते रहो ,जब तक दुनिया से सारे धर्मों का नामोनिशान मिट जाये. केवल अल्लाह का धर्म बाक़ी रहे. सूरा अन फाल-8 :39
 

13 -अवसर आने पर अपने वादे से मुकर जाओ.
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मौक़ा पड़ने पर तुम अपना वादा तोड़ दो, अगर तुमने अल्लाह की कसम तोड़ दी, तो इसका प्रायश्चित यह है कि तुम किसी मोहताज को औसत दर्जे का साधारण सा खाना खिला दो. सूरा अल मायदा -5 :89
 

14 - इस्लाम छोड़ने की भारी सजा दी जायेगी.
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यदि किसी ने इस्लाम लेने के बाद कुफ्र किया यानी वापस अपना धर्म स्वीकार किया तो उसको भारी यातना दो. सूरा अन नहल -16 :106
 

15 - जो मुहम्मद का आदर करे उसे भारी यातना दो
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जो अल्लाह के रसूल की बात माने, उसका आदर करे, उसको अपमानजनक यातनाएं दोसूरा अलअहजाब -33 :57


16 -मुसलमान अल्लाह के खरीदे हुए हैं.
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अल्लाह ने ईमान वालों के प्राण खरीद रखे हैं, इसलिए वह लड़ाई में क़त्ल करते हैं और क़त्ल होते हैं. अल्लाह ने उनके लिए जन्नत में पक्का वादा किया है. अल्लाह के अलावा कौन है जो ऐसा वादा कर सके. सूरा अत तौबा -9 :111
 

17 -जो अल्लाह के लिए युद्ध नहीं करेगा, जहन्नम में जाएगा.
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अल्लाह की राह में युद्ध से रोकना रक्तपात से बढ़कर अपराध है. जो युद्ध से रोकेंगे वह वह जहन्नम में पड़ने वाले हैं और वे उसमे सदैव के लिए रहेंगे. सूरा अल बकरा -2 :217
 

18 -जो अल्लाह की राह में हिजरत करे उसे क़त्ल कर दो
जो अल्लाह कि राह में हिजरत करे और फिर जाए, तो उसे जहां पाओ, पकड़ो, और क़त्ल कर दोसूरा अन निसा -4 :89
 

19 -अपनी औरतों को पीटो.
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अगर तुम्हारी औरतें नहीं मानें तो पहले उनको बिस्तर पर छोड़ दो ,फिर उनको पीटो, और मारोसूरा अन निसा - 4 :34
 

20 -काफिरों के साथ चाल चलो.
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मैं एक चाल चल रहा हूँ तुम काफिरों को कुछ देर के लिए छूट दे दो. ताकि वह धोखे में रहें अत ता.सूरा रिक -86 :16 ,17
 

21 -अधेड़ औरतें अपने कपडे उतार कर रहें.
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जो औरतें अपनी जवानी के दिन गुजार चुकी हैं और जब उनकी शादी की कोई आशा नहीं हो ,तो अगर वह अपने कपडे उतार कर रख दें तो इसके लिए उन पर कोई गुनाह नहीं होगा. सूरा अन नूर -24 :60

इस्लाम में बहू के साथ बलात्कार करना उचित समझा जाता है! और इस्लामिक कानून (शरिया) के अनुसार यदि एक मुस्लिम स्त्री का बलात्कार उसका ससुर करता है तो ससुर उसका पति माना जायेगा और उस औरत का पति उसका बेटा! 

ऐसा ही एक केस उत्तर प्रदेश में 2005 में दुनिया के सामने आया! 
 पाँच बच्चों की माँ इमराना (28) का उसके ससुर अली मोहम्मद (69) ने कई दिन तक बलात्कार किया! इमराना ने अपने पति नूर इलाही को इसकी जानकारी दी! 

नूर इलाही ने अपने पिता के खिलाफ शरिया पंचायत बुलवाई जिसमें इस्लाम के बड़े-बड़े विद्वानों ने पंच के रूप भागीदारी की! शरिया पंचायत ने इस्लामिक कानूनों के आधार पर फैसला दिया कि इमराना अब से अली मोहम्मद की बीबी घोषित की जाती है और नूर इलाही इमराना का बेटा!

शरिया पंचायत ने आगे फरमान सुनाया कि नूर इलाही को इमराना को तलाक देना होगा, नूर को अपने बेटा स्वीकार करना होगा और इमराना के पेट में अली मोहम्मद का बेटा पल रहा है! जिसे लिहाजन नूर इलाही को अपना भाई मानना पड़ेगा!

शरिया के इस अजीबोगरीब फैसले को मानने से इमराना ने मनाकर दिया और पुलिस थाने में अपने ससुर के खिलाफ बलात्कार का मुकद्दमा दर्ज कराया! 
मामला मीडिया में आने के कारण चर्चित हो गया! फतवे के अनुसार इमराना को आदेशित किया गया था कि वह ससुर को अब से अपना पति माने और अपने पति को अपना बेटा समझे! 

पूरे देश के मुसलमानों ने फतवे का समर्थन किया। बाद में सेशन कोर्ट में इमराना का ससुर बलात्कार का आरोपी सिद्ध हुआ! कोर्ट के फैसले से मुसलमानों में खासी नाराजगी फैल गई और यह भी जगजाहिर हो गया की भारत का मुसलमान देश की न्यायपालिका को अपनी इस्लामिक शरिया से ऊपर नहीं मानता है! 

मुस्लिम लेखकों, पत्रकारों और बुद्धिजीवियों ने भी बलात्कार पीड़ित इमराना का साथ देने के बजाय शरियत का साथ दिया!

सितम्बर 2014 में उत्तर-प्रदेश में एक ऐसा ही मामला फिर से सुर्खियों में आया जब एक ससुर द्वारा बलात्कार पीड़िता बहू शरिया के अनुसार ससुर की पत्नी बना दी गई! और उसका पति उसका बेटा बना दिया गया! इन केसों से सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न दुनिया के सामने अपना जवाब माँगने निकलकर सामने आया वो ये है कि-- आखिर इस्लाम में बहू का बलात्कार करना अपराध होकर उपहार क्यूँ है..?? 

बलात्कारी को दण्ड देने की अपेक्षा उसे दूसरे की बीबी देकर सम्मानित क्यों किया जाता है..?? आखिर बलात्कार जैसे घिनौने कृत्य से पीड़िता को इंसाफ क्यूँ नहीं मिलता..??

और इस्लाम की इतनी हिंसक, बलात्कार, मानवता विरोधी सच्चाई को जानकर ही इस्लामिक नरपिशाच औरंगजेब की बेटी जैबुन्निसा बेगम भतीजी ताज बेगम हिंदुत्व की ओर उन्मुख हुई तो भगवान श्रीकृष्ण दिखाई पड़े... खुद ही देखिये कितना सुन्दर पद कहा गया है ..
सुनों दिल जानी मेरे दिल की कहानी तुम, दस्त ही बिकानी बदनामी भी सहूँगी मैं|
देवपूजा ठानी, मैं नमाज हूँ भुलानी, तजे कलमा कुरान सांडे गुनानी गहूंगी मैं |
नन्द के कुमार कुर्बान तेरी सूरत पै, हौं तो मुगलानी हिन्दुआनि ह्वैं रहूंगी मैं||

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