प्रश्न - कृपया संक्षेप में सिद्ध करें कि साई मुसलमान था? और मांस खाता था?
उत्तर - सनातन धर्म मे पूजा चित्र की नही, चरित्र की होती है | हम साई के मुसलमान होने व मांस खाने का प्रमाण शिर्डीसाई संस्थान द्वारा प्रमाणित “साई सतचरित्र” पुस्तक से ही देते है, देखिए पुस्तक के कुछ अंश:
(1) अध्याय 4,5,7 अल्लाह मालिक सदैव उनके(साई) होठो पर रहता था |
(2) अध्याय 38 कभी वे (साई) चावल बनाते और कभी माँस मिश्रित चावल (पुलाव) बनाते थे |
(3) अध्याय 7 फकीरो के साथ वे (साई) आमिष (माँस) और मछली का सेवन भी कर लेते थे |
(4) अध्याय 14 यदि किसी ने उनके (साई) सामने एक पैसा रख दिया तो वे उसे स्वीकार कर के उससे तम्बाकू या तेल आदि खरीद लिया करते थे, वे (साई) प्राय: बीड़ी या चिलम पीते थे |
(5) अध्याय 11 (साई शामा से कहता है) मै मस्जिद मे एक बकरा हलाल करने (निर्दयता पूर्वक तडफाकर पशु हत्या करने की विधि को हलाल कहते है |) वाला हूँ उससे पुछो की उसे क्या रुचिकर होगा –बकरे का माँस, नाध याअंडकोष | क्योंकि बाबा को बकरे का अंडकोष बहुत पसंद था । शामा यह उत्तर लेकर लौटा कि यदि साई के भोजन पात्र मे एक ग्राम भी मांस मिल जाए तो हाजी अपने को सौभाग्यशाली समझेगा|
(6) अध्याय 28 फिर मेधा की तरफ देख कर कहने लगे तुम तो एक उच्च कुलीन ब्राह्मण हो और मै (साई) निम्न जाति का यवन (मुसलमान) |
(7) अध्याय 23 तब बाबा (साई) ने शामा को बकरे की बलि के लिए कहा | …….बाबा(साई) ने काकासाहब से कहा कि मै स्वयं ही (बकरे की) बलि चढ़ाने का कार्य करूंगा |
(8)अध्याय 38 मस्जिद से बर्तन मंगवाकर वे(साई) "मौलवी से फातिहा" (कुरान की आयते) पढने के लिए कहते थे | यह कटु सच जानने के बाद भी क्या आप मंदिरो व घरों में हमारे आदर्श भगवानों के साथ नशे का सेवन करने वाले व मांस खाने वाले साई का चित्र रखना चाहेंगे ?
मांसाहारी साई को वैष्णव रूप भगवान श्रीराम- श्रीकृष्ण या सनातनी देवी देवताओ से जोड़ना गलत है, पाप पूर्ण है |
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विश्वजीत सिंह
"अभिनव अनंत"
सनातन संस्कृति संघ/भारत स्वाभिमान दल
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