सोमवार, 22 मई 2017

शक्ति के बिना कोई भी पुरुष अपने राष्ट्र की रक्षा नहीं कर सकता



शक्त्या विहीना: पुरूषा हि लोके, नेतुं राष्ट्रंप्रभवन्ति नूनम् |
देवा अपीमां समुपास्य शक्ति शुम्भादि-दैत्यान् समरे निजघ्नु:||

शक्ति के बिना कोई भी पुरुष अपने राष्ट्र की रक्षा नहीं कर सकता | देवता भी शक्ति की आराधना करके ही शुम्भादि दैत्यों का संहार करने में सक्षम हुए | पवित्र सनातन धर्म में सभी देवी देवताओं के पास शस्त्र है, क्योंकि यह धर्म है | आपके पास कौन सा शस्त्र है- कोई नहीं, यह अधर्म है | ध्यान रखों हिन्दू तभी मरा है जब वो अपने धर्म से भटका है, शास्त्र (वेद, गीता, रामायण आदि पवित्र ग्रन्थ) तथा शस्त्र (हथियार) दोनो की साधना करों | अपना धर्म निभाओं, ध्यान रखों धर्म सदैव जीता है | बिना शास्त्र ज्ञान के तथा बिना शस्त्र संचालन के धर्म की रक्षा नहीं की जा सकती |

- विश्वजीत सिंह "अभिनव अनंत"                                                                                          सनातन संस्कृति संघ/भारत स्वाभिमान दल

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