सोमवार, 22 मई 2017

क्या शिवलिंग मनुष्य का जनेन्द्रिय नहीं है?



प्रश्न - क्या शिवलिंग मनुष्य का जनेन्द्रिय नहीं है?
उत्तर- शिवलिंग का अर्थ लिंग या योनी नहीं होता .. यथार्थ में ये भ्रान्ति भाषा के रूपांतरण, नास्तिकों, बौद्धों पिशाचों द्वारा हमारे पुरातन धर्म ग्रंथों को नष्ट कर दिए जाने तथा मलेच्छों द्वारा इसकी कुव्याख्या से उत्पन्न हुआ है | जो लोग शिवलिंग पूजा की आलोचना करते है.. छोटे छोटे बच्चो को बताते है कि हिन्दू लोग लिंग और योनी की पूजा करते है.. मुर्खों को संस्कृत का ज्ञान नहीं होता है... और छोटे छोटे बच्चो को हिन्दुओ के प्रति घृणा पैदा करके उनको आतंकी बना देते है

शिवलिंग अथवा सनातन धर्म के ज्ञान प्राप्ति हेतु पहले संस्कृत का ज्ञान लेना चाहिए..संस्कृत भाषा में लिंग का अर्थ चिन्ह, प्रतीक होता हैजबकी जनर्नेद्रीय (मानव अंग) को संस्कृत भाषा में (शिश्न) कहा जाता है.. पुरुषलिंग का अर्थ पुरुष का प्रतीक इसी प्रकार स्त्रीलिंग का अर्थ स्त्री का प्रतीक और नपुंसकलिंग का अर्थ है ... नपुंसक का प्रतीक |

अब यदि जो लोग पुरुष लिंग को मनुष्य के जनेन्द्रिय समझ कर आलोचना करते है..तो वे बतायेस्त्री लिंगके अर्थ के अनुसार स्त्री का लिंग होना चाहिएऔर खुद अपनी स्त्रीयों के लिंग को बताये फिर आलोचना करें | 

सृष्टि रचना के महानतम् वैज्ञानिक रहस्य शिवलिंग को मूलत: शिश्नपूजक अंधविश्वासी बौद्धों ने विकृत करके मानव शिश्न के रूप में प्रचारित किया हैं, सनातन धर्म को नीचे गिराकर बौद्ध धर्म को ऊपर उठाने की विकृत चाह में इन लोगो ने सनातन धर्म के शास्त्रों को नष्ट किया, शास्त्रों में विशेषकर पुराणों में मिलावट की हैं, कई अध्याय बदले दिये गये और अनेक शब्दों के अर्थो का कुअर्थ किया गया हैं।

कोई भी बौद्ध देश हो हर जगह बुद्ध के शिश्न का बेहद महत्वपूर्ण स्थान है l थाईलैंड में चाओ-मे-तुप्तिम मठ-विहार में मनोकामना पूर्ण करने हेतु बुद्ध को सोने-चांदी, लकड़ी, रबर के शिश्न चढ़ाये जाते हैं l

भूटान में घरों के दरवाजे,key-chain,soda opener,ballpen, और हर चीजों को बुद्ध के शिश्न जिसे Phallu कहते है इस्तेमाल किया जाता है l ट्रक की नंबर प्लेट से लगा कर घर की दीवारों तक बुद्ध के शिश्न के चित्र रखे जाते है l कोरिया में बुद्धा के शिश्न की स्मृति में PENIS PARK (शिश्न-बाग) बना हुआ है और कई होटल बनी है जिसमे हर व्यंजन बुद्ध शिश्न के आकार के होते हैं l चीन में अभी शिश्न आकार की बिल्डिंग का काम चल रहा है l जापान में बुद्ध शिश्न के लिए त्यौहार मनाये जाते है l

बुद्ध की हर मूर्ति पर शिश्न जैसा आकार बना हुआ है l शिश्न को जीवन का हर रहस्य बोद्धों में माना गया है l इसलिए बौद्धों में सब कुछ शिश्न से शुरू होता है और शिश्न पर समाप्त होता है। बौद्ध देश थाईलैंड दुनिया में वैश्यवृत्ति में अग्रणी। भूटान और म्यांमार कट्टरपंथी हिंसक बौद्ध देश है। तिब्बत तंत्र मंत्र वाला वाममार्गी देश है। उत्तर और दक्षिण कोरिया जैसे बौद्ध देश आप में घोर शत्रु है। कंबोडिया मानव तस्कर में अग्रणी देश है।

अब बात करते है योनि शब्द परमनुष्ययोनि, पशुयोनी, पेड़-पौधों की योनि, पत्थरयोनि आदि | योनि का संस्कृत में प्रादुर्भाव, प्रकटीकरण अर्थ होता है... जीव अपने कर्म के अनुसार विभिन्न योनियों में जन्म लेता है... कुछ पैशाचिक धर्मो में पुनर्जन्म की मान्यता नहीं है... इसीलिए वे योनि शब्द के संस्कृत अर्थ को नहीं जानते है जबकि सनातन हिंदू धर्म में 84 लाख योनी अर्थात 84 लाख प्रकार के जन्म है अब तो वैज्ञानिक भी मानने लगे है कि धरती पर 84 लाख प्रकार के जीव (पेड, कीट,जानवर,मनुष्य आदि) है…. मनुष्य योनी > पुरुष और स्त्री दोनों को मिलाकर मनुष्य योनि होता है..अकेले स्त्री या अकेले पुरुष के लिए मनुष्य योनि शब्द का प्रयोग संस्कृत में नहीं होता है |


- विश्वजीत सिंह "अभिनव अनंत"
सनातन संस्कृति संघ/भारत स्वाभिमान दल                                                                                                 

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