सोमवार, 22 मई 2017

पादरी जी मुझे इतना बता दो


एक बार मैं घूमने को गोवा गया था तो, पर्यटक तौर पर मैं वहां के एक प्रसिद्द चर्च "सेंट जेवियर चर्च"" भी चला गया कि देखूं तो आखिर वो क्या बला है ? तो, वहां एक ईसाई जो कि वेश-भूषा से कोई फादर टाईप ही लग रहा था ने, मेरे हाथों में कलावा (मौली धागा) देख कर समझ गया कि मैं एक हिन्दू हूँ ! इसीलिए उसने मुझे भी ईसाई बनाने और शीशे में उतारने के लिए मुझसे कहा कि  
देखो बेटा बुरा मत मानना लेकिन दरअसल सच पूछो तो हिन्दू धर्म और इस्कॉन पर प्रतिबन्ध लगा दिया जाना चाहिए क्योंकि यह श्रीकृष्ण को महिमा मंडित करते है जबकि श्रीकृष्ण ने 16108 विवाह किया थे जिससे सिद्ध होता है कि श्रीकृष्ण एक चरित्रहीन व्यक्ति थे ! इसीलिए यीशु ही तुम्हे सही राह दिखा सकते हैं !  

उसकी बातें सुनते ही मेरे तन बदन में आग लग गयी और पर फिर भी मैंने उसे बहुत ही शांत चित्त से उत्तर दिया देखिये पादरी जी मैं आपको अपना फादर तो बोल नहीं सकता क्योंकि मैं कोई सेक्युलर नहीं बल्कि हिन्दू हूँ, और हिन्दुओं का एक ही बाप होता है आप ईसाईयों की तरह हर चर्च में हमारे बाप यानि कि फादर नहीं होते हैं ! और जहाँ तक रह गयी बात भगवान श्रीकृष्ण की शादियाँ की तो, आप सिर्फ मुझे इतना बता दो कि आपके इस कथित रूप से पवित्र ईसाई धर्म में "नन बनते समय" लडकियाँ क्या शपथ लेती है ?  

मेरे इतना कहते ही वो मेरा मुंह देखने लगा परन्तु कुछ नहीं बोला ! मैंने उससे दो तीन बार वही सवाल पूछे परन्तु वो चुप रहा ! अंततः मैंने उससे कहा कोई बात नहीं पादरी जी मैं बता देता हूँ |  
पूरे विश्व में नन बनते समय कुंवारी लडकियाँ यह शपथ लेती है कि "मै जीजस को अपना पति स्वीकार करती हूँ और, उनके अलावा किसी अन्य पुरुष से शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाउंगी" . तो कृपया अब आप मुझे बताएँ कि आज से पहले कितने लाख ननों ने जीसस से विवाह किया और भविष्य में भी ना जाने कितनी लडकिया विवाह करेगी ! तो आपकी बात को आप पर ही लागू करते हुए क्यों ना, सबसे पहले पूरे विश्व में ईसाईयों और ईसाई धर्म पर प्रतिबन्ध लगा दिया जाये ? उसके बाद वो पादरी मुझे कुछ नहीं बोला और चुप-चाप सर झुका कर मेरे पास से चला गया !
 
इन कथित अवतारों, पॉपों ने सामान्य जनता में भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण, भगवान शिव आदि को लेकर यही भ्रम- पाखण्ड फैलाया हुआ है | आज भी एक सामान्य व्यक्ति से श्रीकृष्ण के विषय में जिज्ञासा कीजिए, आपको वही बात मिलेगी जिसका प्रचार अज्ञानी कथावाचक पादरी लोग कर चुके है |  

कभी कभी धूर्त लोग अपनी लम्पटता और व्यभिचार की प्रवृत्ति को छिपाने उसे उचित सिद्ध करने के लिए भी निर्लज्जता पूर्वक श्रीकृष्ण का उदाहरण प्रस्तुत करते है | त्याग, चरित्र-संयम, विवेक और न्याय की प्रतिमूर्ति भगवान श्रीकृष्ण पर ऐसा आरोप लगाते समय उनकी जिह्वा को पक्षाघात क्यों नहीं हो जाता, यही आश्चर्य है |  

अब तो हिन्दुओं की इसी अज्ञानता का लाभ उठाकर जाकिर नायक जैसे इस्लामिक प्रचारक भविष्य पुराण के शब्दों को तोड़ मरोड़ कर मोहम्मद को भी अवतार घोषित करने लगे है !


- विश्वजीत सिंह "अभिनव अनंत"
सनातन संस्कृति संघ/भारत स्वाभिमान दल                                                                                                 

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