|| साधना निर्देश ||
<> सामूहिक धर्म साधना के स्थान को स्वच्छ एवं सुन्दर बनाना चाहियें |
<> बैठने हेतु दरी, चटाई, आदि की व्यवस्था पहले से ही सुनिश्चित कर ली जायें |
<> साफ- स्वच्छ होकर सभी हिंदू साधना स्थल पर दोपहर 11:55 बजे तक अवश्य पहुँच जायें |
<> शान्त एवं पवित्र वातावरण में साधना आरंभ हो सदैव ध्यान रखना चाहियें |
<> सामूहिक धर्म साधना मंदिर में या घर पर हो तो देशी गाय के घी का दीपक जलायें, अन्य सभी स्थानों पर केवल भगवा ध्वज लगाया जायें तथा उसे साक्षी मान कर ही सारे कार्य किए जायें | भगवा ध्वज में तत्वरूप में सनातन धर्म के सभी देवी- देवता, महान व्यक्तित्व, श्रेष्ठ इतिहास, ज्ञान, विज्ञान, परंपरा, संस्कृति, शौर्य, त्याग, तपस्या आदि संपूर्ण महानता छिपी है, जो यज्ञ की ज्वाला का प्रतीक, यज्ञ के समान पवित्र व श्रेष्ठ है तथा भगवद् स्वरुप है, ऐसे प्रेरणा स्रोत भगवा ध्वज ही अधिक श्रेष्ठ है |
<> धर्म साधना में पवित्र संस्कृत मंत्रों व श्लोकों का ही पाठ किया जायें, हिंदी अनुवाद केवल मंत्रों का भावार्थ समझाने के लिए किया गया हैं |
<> प्रार्थना, स्तुति दोनों हाथ जोड़कर भक्ति- भाव पूर्ण होकर की जायें |
<> प्रारम्भ में सिखाने के लिए प्रत्येक क्रिया विधि को अग्रसर समझायें, तत्पश्चात सभी समवेत स्वर में बोले, इस प्रकार साधना करना अच्छा रहेगा |
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