शनिवार, 27 मई 2017

गीता जयंती के उपलक्ष्य में

।। ॐ ।। गीता जयंती के उपलक्ष्य में
गीता जयंती . भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को यह दिव्य सन्देश तब दिया था जब वह दुविद्या में था । एक ओर मोह था और दूसरी ओर युद्ध क्षेत्र में आये योद्धा का कर्तव्य । मोह ने अर्जुन को इतना निर्जीव बना दिया था कि वह अपना धुनष तक नही उठा पा रहा था , इस किंकर्तव्य की स्थिति में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का दिव्य सन्देश दिया और महाभारत का युद्ध जीत लिया गया ।
ज्ञान की इस अलौकिक धरोहर को अगर हम ने अभी तक नहीं पढ़ा और समझा तो गीता जयंती के उपलक्ष्य में गीता के 18 अध्याय आगामी 18 दिनों के पढ़ें और जाने कैसे जीवन के युद्ध क्षेत्र में जब भी कोई दुविद्या हो तब उससे अर्जुन की भांति कैसे उस पर विजय पायी जाये ।
श्री गीता जयंती पर सभी सनातन धर्मी मनुष्यों का अभिवादन एवं शुभकामनाएँ।ईश्वर करें हमारे जीवन में भी कृष्ण चेतना घट जाये और हम अपने कर्तव्य पथ पर आरूढ़ हो जाये। ॐ ॐ ॐ
- विश्वजीत सिंह "अभिनव अनंत"                                                                                          सनातन संस्कृति संघ/भारत स्वाभिमान दल

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