सोमवार, 22 मई 2017

इस्लामिक प्रचारक अपने प्रचार में हमारे धर्मग्रन्थ का उल्लेख क्यों करते है? तथा भविष्य पुराण में मोहम्मद का वर्णन किस रूप में मिलता है?


प्रश्न - इस्लामिक प्रचारक अपने प्रचार में हमारे धर्मग्रन्थ का उल्लेख क्यों करते है? तथा भविष्य पुराण में मोहम्मद का वर्णन किस रूप में मिलता है?
उत्तर - इस्लाम के प्रचारक हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन कराने के लिए तरह तरह के हथकण्डे अपनाते रहते हैं, कभी धर्मनिरपेक्ष बन कर गंगा यमुना संस्कृति का समर्थन करने लगते हैं, कभी इस्लाम और हिन्दू धर्म में समानता सिद्ध करने लगते हैं, लेकिन इनका असली उद्देश्य हिन्दुओं को भ्रमित करके इस्लाम के चंगुल में फँसाना ही होता है, क्योंकि अधिकांश हिन्दू, इस्लाम से अनभिज्ञ और हिन्दू धर्म से उदासीन होते हैं, इस समय इस्लाम के प्रचारकों में जाकिर नायक का नाम सबसे ऊपर है जो एक "सलफ़ी जिहादी" गिरोह से सम्बंधित है,  

यह गिरोह जिहाद में आतंकवाद को उचित मानता है इस प्रकार से जाकिर नायक ने बड़ी मक्कारी से हिन्दुओं को धोखा देने के लिए यह साबित करने का प्रयास किया है कि भविष्य पुराण में उल्लेखित महामद राक्षस  ही मौहम्मद है तथा मुहम्मद का वर्णन एक अवतार के रूप में किया गया है, इसलिए हिन्दू मुहम्मद को एक अवतार मान कर सम्मान दें, और उसके धर्म इस्लाम को स्वीकार कर लें, हो सकता है कि कुछ मूर्ख जाकिर जाल में फंस कर जाकिर की बात को सही मान बैठे हों, लेकिन भविष्य पुराण में महामद को राक्षस, धर्म दूषक (Polluter of righteousness) और पिशाच धर्म (demoniac religion) का प्रवर्तक बताया गया है | 

यही नहीं भविष्य पुराण में इस्लाम को पिशाच धर्म और मुसलमानों को "लिंगोच्छेदी" यानि लिंग कटवाने वाले कहा गया है, जिसे हिन्दी में कटुए  कहा जाता है, भविष्य पुराण के जिस भाग में मुहम्मद के वर्णन है, वह मूल संस्कृत और उसके हिंदी अनुवाद के साथ दिया जा रहा है | ताकि लोगों का यह भ्रम दूर हो जाए की भविष्य पुराण में मुहम्मद को एक अवतार के रूप में प्रस्तुत किया गया है |
 
लिंड्गच्छेदी शिखाहीनः श्मश्रुधारी सदूषकः। उच्चालापी सर्वभक्षी भविष्यति जनो मम।। 25।। 
विना कौलं पश्वस्तेषां भक्ष्या मतामम। मुसलेनैव संस्कारः कुशैरिव भविष्यति ।।26।। 
तस्मान्मुसलवन्तो हि जातयो धर्मदूषकाः। इति पैशाचधर्मश्च भविष्यति मया कृतः ।।27।।
(भविष्य पुराण पर्व 3, खण्ड 3, अध्याय 1, श्लोक 25, 26, 27)
 
इसका हिंदी अनुवाद: रेगिस्तान की धरती पर एक "पिशाच" जन्म लेगा जिसका नाम महामद (मोहम्मद) होगा, वो एक ऐसे धर्म की नींव रखेगा जिसके कारण मानव जाति त्राहि माम कर उठेगी। वो असुर कुल सभी मानवों को समाप्त करने की चेष्टा करेगा। उस धर्म के लोग अपने लिंग के अग्रभाग को जन्म लेते ही काटेंगे, उनकी शिखा (चोटी ) नहीं होगी, वो दाढ़ी रखेंगे पर मूँछ नहीं रखेंगे। वे ऊंचे स्वर में अलापने वाले (शौर मचाने वाले)और सर्वभक्षी होंगे। हलाल (निर्ममता पूर्वक तड़फाकर की गयी पशु हत्या) किये बिना सभी पशु उनके खाने योग्य होगे। वे अपने को मुसलमान कहेंगे, ये धर्मदूषक मानव जाति को नाश करने की चेष्टा करने वाले पिशाच होगे |


- विश्वजीत सिंह "अभिनव अनंत"
सनातन संस्कृति संघ/भारत स्वाभिमान दल                                                                                                 

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